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छठ पूजा की तैयारी अंतिम चरण में, बाजारों में भीड़

छठ पूजा की तैयारी अंतिम चरण में, बाजारों में भीड़ कद्दू 35 रुपये प्रति पीस बिकाफोटो संख्या:05-बाजारों में भीड़फोटो संख्या:06-कद्दू की खरीदारी करते लोगप्रतिनिधि, लखीसरायदीपावली की समाप्ति के साथ ही महान आस्था व स्वच्छता का चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा को लेकर व्रतियों के द्वारा खरीदारी करने का क्रम अंतिम चरण में पहुंच […]

छठ पूजा की तैयारी अंतिम चरण में, बाजारों में भीड़ कद्दू 35 रुपये प्रति पीस बिकाफोटो संख्या:05-बाजारों में भीड़फोटो संख्या:06-कद्दू की खरीदारी करते लोगप्रतिनिधि, लखीसरायदीपावली की समाप्ति के साथ ही महान आस्था व स्वच्छता का चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा को लेकर व्रतियों के द्वारा खरीदारी करने का क्रम अंतिम चरण में पहुंच चुका है. रविवार 15 नवंबर को नहाय खाय से शुरू हो रहे छठ पर्व को लेकर एक दिन पूर्व शनिवार को बाजारों में खरीदारों की भीड़ बनी रही. नदी तटों पर श्रद्धालु व व्रती के गंगा स्नान के कारण भीड़ बनी रही. बाजारों में भी लोग छठ पूजन की सामग्री की खरीदारी करने में जुटे रहे. नहाय खाय को लेकर शनिवार को कद्दू की उपलब्धता बनी रही. कद्दू गोल 35 रुपये प्रति पीस तथा लंबा 30 रुपये प्रति पीस तक बिका. वहीं छोटा कद्दू बाजारों में बीस रुपया में उपलब्ध रहा. इसके अलावे अन्य पूजन सामग्री की बिक्री को लेकर बाजार सज गये हैं. शहर के केआरके मैदान में अस्थायी तौर पर फल, नारियल, सिंदूर, सांचा सहित अन्य सामग्री की दुकानें सजायी गयी हैं. जहां लोगों के द्वारा इन सामग्री के अलावे पूजन में लगने वाले अन्य समानों में शुद्ध घी, गेहूं, चावल, दाल आदि की भी खरीदारी की जा रही हैं. श्रद्धालुओं के द्वारा इन सामानों की खरीदारी से बाजारों में सारा दिन भीड़ बनी रही. ट्रैफिक जाम के कारण आवागमन में भी परेशानी बनी रही. जिसे संभालने में पुलिस बल को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ट्रैफिक प्रभारी एसआइ प्रशिक्षु विनोद ठाकुर ने बताया कि अन्य दिनों की भांति शनिवार को छठ पर्व को लेकर महिलाओं की भीड़ होने के कारण परेशानी हुई. जिसके लिए सभी जगहों पर पुलिस की तैनाती की गयी है. पचना रोड मोड़, पंजाबी मुहल्ला मोड़, स्टेशन रोड, मोटका महादेव मोड़ पर भीड़ को नियंत्रित करते हुए ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गयी है. सूर्योपासना का महान पर्व है छठ लखीसराय लोक आस्था से जुड़ा महा पर्व छठ बिहार का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. यह पर्व सूर्योपासना का एक महान पर्व है. इस महापर्व में परंपरा का विशेष महत्व है. चाहे भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा हो या स्वच्छता के साथ छठ पर्व संपन्न करने का चलन सभी चीजों में श्रद्धालु पूरी आस्था व विश्वास के साथ पर्व का कार्य संपन्न करते हैं. भारतीय संस्कृति में सूर्य पूजन परंपरा काफी पुरानी हैं. वैदिक युग से ही सूर्य की उपासना किया जाता रहा है. वास्तव में सूर्य के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसलिए सूर्य को प्रत्यक्ष देव भी कहा जाता है. जिले के सूर्यगढ़ा सूर्योपासना का प्राचीन केंद्र रहा है. पोखरामा में सूर्योपासना का प्रमाण मिलता है. यह सूर्यवंशी राजाओं का गढ़ रहा है. सूर्योपासना के महापर्व छठ में श्रद्धालु अपने इष्ट देवता की प्रत्यक्ष पूजा करते हैं. जबकि अन्य पूजन में श्रद्धालु सिर्फ कल्पना के आधार पर ही देवताओं का पूजा करते हैं. मान्यता है कि सूर्योपासना से दैहिक, भौतिक व दैनिक तापों से मुक्ति मिलती है तथा सर्व कामना की शुद्धि होती है. इस पर्व में स्वच्छता का विशेष महत्व है. यह छठ पर्व का महत्व ही है कि एक पखवारा पूर्व से ही महिलाएं छठ गीत गाती छठ पर्व की तैयारी में जुटी रहती है. बड़का पर्व के रूप में भी जाना जाने वाला महापर्व छठ सामाजिक समरसता का अद्वितीय मिसाल पेश करता है. इस पर्व में सहयोग, समरसता व सद्भाव की एक अनोखी मिसाल देखने को मिलती है. लोग जाति धर्म अमीर गरीब के तमाम बंधनों से उपर उठ कर एक दूसरे को सहयोग करते देखे जाते हैं. छठ पर्व का महत्व हिंदुओं के अलावे मुस्लिम समुदाय के लोगों में भी हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग भी इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी भागीदारी निभाते हैं. छठ पर्व में फल, गन्ना, नारियल बेचने की बात हो या अन्य कार्य सभी जगहों पर हिंदुओं के साथ मुस्लिम धर्मावलंबी भी शामिल होते हैं. कुछ जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोग छठ पर्व में शिरकत करते नजर आते हैं. क्या अमीर क्या गरीब सभी लोग एक साथ पूरी आस्था व भक्ति भाव से नदी तट पर पानी में खड़ा कर अस्ताचलगामी व उदयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं. लोग दंड देकर अपने घर से नदी तट तक जाते हैं. यह छठ की महत्ता की दर्शाता हैं. मान्यता हैं कि जो श्रद्धालु पंचमी तिथि को एक वक्त भोजन कर षष्ठी को उपवास करता है सप्तमी को उद्यीमान भगवान भास्कर को फल, बतासा, पकवान आदि से अर्घ्य अर्पित करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होता है. त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने भी सूयार्ेपासना की थी. दानवीर कर्ण सूर्य के उपासक थे. छठ पर्व एक गीत में छठ मैया को भगवान सूर्य का बहन बताया गया है. बाजारों में सजी दुकानें सूर्यगढ़ा. छठ पर्व को लेकर हाट बाजारों में गन्ना, फल, नारियल पूजन सामग्री, चीनी का सांचा आदि की सैकड़ों अस्थायी दुकानें सजायी गयी हैं. दुकानों में नहाय खाय व खरना के प्रसाद के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ देखी गयी. इधर महंगाई की वजह से लोग परेशान रहे. नहाय खाय में प्रसाद स्वरूप अरबा चावल, चना का दाल व कद्दू की सब्जी खाने का चलन है. बाजारों में इस बार कद्दू की कीमत सामान्य रहने के कारण लोगों को आंशिक राहत मिली. बाजारों में कद्दू 30 से 35 रुपये प्रति पीस तक बिका. जबकि गन्ना, छिला नारियल बिक्री किया जा रहा है. फलों व पूजन सामग्री की कीमतों में वृद्धि से भी लोग आहत दिखे. लखीसराय में एक करोड़ का नारियल का कारोबारलखीसराय. इस बार आंध्र प्रदेश, असम व बंगाल से लगभग एक करोड़ का नारियल थोक बाजार में मंगाया गया है. थोक व्यवसायी रामवरण प्रसाद के मुताबिक लगभग 35 ट्रक नारियल बाजार में उतारा गया है. आम तौर पर बड़े ट्रक से नारियल मंगाया जाता है. जिसमें 18 हजार पीस तक नारियल आता है. थोक बाजार में नारियल छोटा 15 सौ रुपये प्रति सैकड़ा व बड़ा 21 सौ रुपये प्रति सैकड़ा आता है. महंगाई की वजह से लोग छोटे नारियल की खरीदारी ज्यादा पसंद करते है. आंध्र प्रदेश के सोनपेटा का नारियल की काफी डिमांड है. यह बाजार में 25 सौ रुपये प्रति सैकड़ा तक में उपलब्ध है. असम व बंगाल से भी नारियल मंगाये गये हैं. खुदरा व्यवसायी रामानंद प्रसाद के मुताबिक नारियल छोटा बाजार में 25 रुपये प्रति पीस बिक रहा है. औसत साइज का नारियल 30 रूपया व बड़े साइज का नारियल 50 रुपये प्रति पीस तक बाजारों में मिल रहा है. छठ को लेकर बाजारों में भीड़लखीसराय. महापर्व छठ को लेकर बाजार सज चुका है. सूप, डलिया व पूजन सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. सूप का कारोबार करने वाले व्यवसायी अनिल साव के मुताबिक सूप का दाम 120 रुपये जोड़ा तक हो गया है. फल के व्यवसायी अरुण कुमार के मुताबिक फल के दामों में विशेष बढ़ोतरी नहीं हुई है. जबकि पूजन सामग्री व किराना व्यवसायी अमित कुमार के मुताबिक पूजन सामग्री व किराना सामग्री का दाम में बीस फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. सामग्री दामसूप 60 रुपये प्रति पीसछोटा सूप- 40 रुपये प्रति पीसबांस का डलिया बड़ा(पतला कमानी) -200 रुपये प्रति पीसबांस का डलिया बड़ा(मोटा कमानी)-300 रुपये प्रति पीसबांस का डलिया मध्यम(पतला कमानी)-150 रुपये प्रति पीसबांस का डलिया मध्यम(मोटा कमानी)-180 रुपये प्रति पीस टाभ 40 -50रुपये जोड़ाकेला 25-40 रुपये दर्जननारियल 25-40 रुपये तकसेव 60-80 रुपये प्रति किलोनारंगी 60 रुपये किलोकिसमिस 280-400 रुपये किलोबादाम दाना 100 रुपये किलोगड़ी गोला 200 रुपये किलोछुहारा 120-180 रुपये किलोमखाना 360 रुपये प्रति किलोमुनक्का 200 -240 रुपये किलोईख 15 रुपये प्रति डंडा

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