लखीसराय : दाल की कीमत क्यों दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. इसका किसी के पास कोई ठोस जवाब नहीं है. लोगों का कहना है कि स्टॉकिस्टों के पास दाल का स्टॉक है. लेकिन वे मुनाफाखोरी के कारण अपने माल को धीरे-धीरे बेच रहे हैं. इधर व्यापारियों का मानना है कि इन दिनों बाजार में विदेशों से आने वाले दाल का ही कब्जा है.
देश की दालें लगभग नहीं के बराबर है. इसी वजह से कीमत में इजाफा हो रहा है. विदेशों से आने वाली दाल पर बहुराष्ट्रीय कंपनी का दबदबा है. वे जैसा चाह रहे हैं वैसा बेच रहे हैं. दाल किस कीमत पर विदेशों से खरीदारी कर देश में आ रही है इसका खुलास नहीं किया जा रहा है. इसी वजह से दाल के दाम में प्रतिदिन तेजी आ रही है.
दाल की कीमत पिछले 10 दिनों में बीस रुपये प्रति किलो तक बढ़ गयी. अक्तूबर के पहले सप्ताह में जो अरहर दाल 140 रुपये 150 रुपये प्रति किलो बिक रहा था वहीं अब खुदरा बाजार में 190 रुपये प्रति किलो हो गया है. उड़द दाल भी 140 रुपये किलो बिक रहा है.
यहीं कारण है कि लोग अब अरहर व उड़द दाल की जगह दूसरे दालों से या फिर अन्य विकल्प से काम चला रहे हैं. किराना व्यवसायी रामानंद प्रसाद का कहना है कि दाल में आयी तेजी से व्यवसायी भी परेशान हैं. पूंजी भी अधिक लग रहा और ग्राहक से चिक चिक होता है वह अलग. उन्होंने कहा कि अब दाल की नयी फसल आने के बाद ही कीमत में गिरावट होने की संभावना है.