लखीसराय: जिले के सरकारी अस्पतालों में पेट खराब की सामान्य दवा मेट्रोजिल तक उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं गैस निवारक दवा, कफ सिरप, बच्चों का पीसीएम सिरप, कैलशियम, आयरन टेबलेट तक समाप्तहै. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, 33 दवाओं में वर्तमान समय में सिर्फ 24 दवा ही उपलब्ध हैं. वह भी काफी कम मात्र में. […]
लखीसराय: जिले के सरकारी अस्पतालों में पेट खराब की सामान्य दवा मेट्रोजिल तक उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं गैस निवारक दवा, कफ सिरप, बच्चों का पीसीएम सिरप, कैलशियम, आयरन टेबलेट तक समाप्तहै. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, 33 दवाओं में वर्तमान समय में सिर्फ 24 दवा ही उपलब्ध हैं. वह भी काफी कम मात्र में. नतीजा मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है.
डॉक्टर को दिखाने के बाद जब मरीज दवा काउंटर पर जाते हैं तो कहा जाता है कि दवा उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं एंटीबायोटिक दवा में भी सिर्फ एक तरह की दवा अस्पताल के ओपीडी विभाग में बची हुई है. इस कारण अधिकांश मरीजों को डॉक्टर द्वारा लिखित एंटीबायोटिक दवा को बाहर से लेने को कहा जाता है.
कमोबेश यही स्थिति जिले के पीएचसी की भी है.
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, राज्य के केंद्रीय भंडार से जिले के दवाओं की आपूर्ति बंद है. राज्य स्तर से जनवरी माह में ही कहा गया था कि दो महीने तक की दवा स्थानीय स्तर से टेंडर द्वारा खरीद लिये जायें. मार्च से दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करने की बात कही गयी थी. लेकिन आधी जुलाई माह बीत जाने के बाद भी राज्य स्तर से दवाओं की आपूर्ति नहीं की गयी है. अब स्थिति यह है कि सदर अस्पताल के पास दवाओं का भंडार समाप्ति की ओर है. यदि समय रहते दवा की आपूर्ति नहीं होती है तो सदर अस्पताल में मरीजों को अधिकांश दवा बाहर से ही मंगानी पड़ेगी.
कहते हैं सिविल सजर्न
सिविल सजर्न डॉ शशि भूषण शर्मा ने कहा कि अभी अस्पतालों में दवा उपलब्ध है. कुछ दवाओं की किल्लत हुई है. उन्होंने भी स्वीकारा की दवा का भंडारण कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के केंद्रीय भंडार से मार्च से ही दवाओं की आपूर्ति की बात कही गई थी, लेकिन जुलाई बीत रहा है. दवाओं को भेजे जाने की बात नहीं हो रही है. इस को देखते हुए जिले के अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए टेंडर कर चुके हैं. जल्द ही टेंडर के अनुसार दवाओं की खरीद कर ली जायेगी. उन्होंने कहा कि समय रहते अस्पताल में दवाओं की आपूर्ति हो जायेगी.