लखीसराय: पूरे जिले में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है. लखीसराय के अलावा सूर्यगढ़ा, बड़हिया, मेदनीचौकी, पीरीबाजार, कजरा आदि जगहों में अब तक अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान तक नहीं चलाया गया. समाचार पत्रों में अतिक्रमण को लेकर खबरें प्रकाशित होती रहीं.
लेकिन जिला प्रशासन, नगर परिषद या स्थानीय प्रशासन की नींद नहीं टूटी. अतिक्रमण हटाने की मांग पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई का भरोसा जरूर दिया गया. अतिक्रमण के कारण लखीसराय शहर अस्त-व्यस्त है. सड़क संकरी हो गयी है. रोज जाम लगता है. पीक आवर में पैदल निकलना भी मुश्किल होता है.
सूर्यगढ़ा में एनएच 80 पर ही फुटपाथी दुकानदार अपनी दुकान सजाते हैं. स्थानीय चेंबर के अलावा बुद्धिजीवियों ने भी पिछले कुछ वर्षो से लगातार प्रशासन के समक्ष बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग रखी. आश्वासन मिला तो आस जगी कि बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने एवं सौंदर्यीकरण की दिशा में कदम उठाया जायेगा. लेकिन महीने-साल बीत गये. बाजार में अतिक्रमण हटाने की पहल तक नहीं हुई. कई बार शीर्षस्थ नेताओं के एनएच 80 होकर गुजरने के क्रम में प्रशासन का डंडा गरीब दुकानदारों पर जरूर गिरा, लेकिन चंद घंटे बाद ही स्थिति पहले जैसी हो गयी. चेंबर की स्थानीय इकाई द्वारा सूर्यगढ़ा बाजार में वाहन पड़ाव, सब्जी मंडी, मछली बाजार आदि के लिए सरकारी भूमि उपलब्ध कराने की मांग जिलाधिकारी से मिल कर की गयी. चार माह बाद भी मामला अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है.