उपेक्षा. बड़हिया से किऊल के बीच रेलवे हॉल्ट पर सुिवधा का अभाव
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ट्रेन से उतर कर झाड़ी से होकर अपने घर जाते हैं यात्री
उपेक्षा. बड़हिया से किऊल के बीच रेलवे हॉल्ट पर सुिवधा का अभाव बड़हिया से किऊल के बीच गंगासराय, डुमरी, धीराडाढ़, अशोक धाम रेलवे हॉल्टों का किया गया निर्माण लखीसराय : रेल विभाग ने बड़हिया से किऊल के बीच चार रेलवे हॉल्ट तो बना दिया. लेकिन इन हॉल्टों पर यात्रियों की सुविधा को बहाल नहीं किया. […]
बड़हिया से किऊल के बीच गंगासराय, डुमरी, धीराडाढ़, अशोक धाम रेलवे हॉल्टों का किया गया निर्माण
लखीसराय : रेल विभाग ने बड़हिया से किऊल के बीच चार रेलवे हॉल्ट तो बना दिया. लेकिन इन हॉल्टों पर यात्रियों की सुविधा को बहाल नहीं किया. जिससे आज भी इन रेलवे हॉल्ट पर दिन रात झांड़ी में उतर कर यात्री अपने गंतव्य की ओर आते जाते हैं. दानापुर डिवीजन के बड़हिया से किऊल के बीच गंगासराय, डुमरी, धीराडाढ़, अशोक धाम रेलवे हॉल्टों का निर्माण किया गया. अप और डाउन मे इस रेलवे मार्ग से गुजरने वाली सभी पैसेंजर ट्रेन का ठहराव भी दिया. यात्रियों का आना जाना भी होता है. लेकिन इन यात्रियों के लिये मूलभूत सुविधा जैसे शौचालय, प्लेटफॉर्म , बैठने की जगह , यात्री शेड , पेयजल , लाईट आदि की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी.
जिसके कारण यात्री दस वर्ष से बिना सुविधा के ही झांड़ी में महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े ट्रेन से उतर कर अपने अपने घर जाते हैं. सबसे आश्चर्य यह है कि सावन माह में श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोक धाम के शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिये प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में शिव भक्त अशोक धाम हॉल्ट पर उतरते और ट्रेन चढ़ते हैं. इसके साथ ही जान हथेली पर लेकर रेलवे ट्रैक का पार कर अशोक धाम मंदिर पहुंचते है. यही हाल गंगासराय हॉल्ट , धीराडाढ़ का भी है. यात्री अनिल कुमार, पंकज कुमार, सरिता देवी, रंजीत पासवान ने बताया कि रेल विभाग ने उन लोगों को हॉल्ट जाने की सुविधा जरूर दिया, लेकिन दस वर्षो से यात्री सुविधा प्रदान नहीं की. लगता है कि वे लोग आधुनिक भारत में नहीं बल्कि आदमयुग में जी रहे हैं.
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