सख्ती . िमल मालिकों को सोटेक्स मशीन लगा कर चावल तैयार करने का मिला निर्देश
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उत्तम क्वालिटी का चावल स्वीकार्य : अर्जुन
सख्ती . िमल मालिकों को सोटेक्स मशीन लगा कर चावल तैयार करने का मिला निर्देश उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार के क्षेत्रीय सहायक निदेशक अर्जुन प्रसाद ने कहा कि गरीबों को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न मिले इसके लिए कोई समझौता नहीं किया जायेगा़ किसी के दबाव में निर्धारित मानक से कम गुणवत्ता के सीएमआर(चावल) […]
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार के क्षेत्रीय सहायक निदेशक अर्जुन प्रसाद ने कहा कि गरीबों को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न मिले इसके लिए कोई समझौता नहीं किया जायेगा़ किसी के दबाव में निर्धारित मानक से कम गुणवत्ता के सीएमआर(चावल) स्वीकार नहीं किया जायेगा़
किशनगंज : गरीबों को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न मिले इसके लिए कोई समझौता नहीं किया जायेगा़ किसी के दबाव में निर्धारित मानक से कम गुणवत्ता के सीएमआर(चावल) स्वीकार नहीं किया जायेगा़ यह बातें उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार के क्षेत्रीय सहायक निदेशक अर्जुन प्रसाद ने कही़ वे मंगलवार को पटना से निरीक्षण के लिए किशनगंज पहुंचे थे.
क्षेत्रीय सहायक निदेशक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस सीएमआर के लॉट को क्वालिटी कंट्रोलर ने लेने से मना कर दिया है वह देखने से ही गुणवत्ता के तय मानक को पूरा नहीं करता है़ फिर भी सीएमआर के नमूने को जांच हेतु पटना भेजा जायेगा और इसकी जांच रिपोर्ट विभाग के सचिव को भेजेंगे़ श्री प्रसाद ने कहा कि वे सामान्य जांच के लिए किशनगज पहुंचे थे़ यहां पैक्सों एवं मिलरों द्वारा खराब गुणवत्ता के सीएमआर एसएफसी को स्वीकार करने के लिए दबाव दे रहे है़ं
उन्होंने कहा कि वे स्वयं मामले की जांच किये और सीएमआर को जांच हेतु पटना प्रयोगशाला में भेजने का निर्देश दिया है़ श्री प्रसाद ने कहा कि गुणवत्ता सीएमआर के लिए मिलर सोटेक्स मशीन लगाये़ सोटेक्स मशीन से उच्च क्वालिटी के चावल तैयार होते है़ं सोटेक्स मशीन के लिए सरकार 50 फीसदी सब्सिडी देती है़
क्या कहते हैं एसएफसी क्वालिटी कंट्रोलर
क्वालिटी कंट्रोलर हेमंत पांडे ने बताया कि सीएमआर स्वीकार करने के लिए निर्धारित मानक के अनुसार नमी अधिकतम 14 फीसदी होना चाहिए़ 14 से 15 फीसद के बीच नमी होने पर एक प्रतिशत की कटौती किया जाना है़ 15 फीसदी से अधिक नमी होने पर सीएमआर को स्वीकार नहीं करना है़ उन्होंने बताया कि 15 फीसदी से अधिक नमी होने पर 15 दिन में ही चावल में ढेला बनने लगता है और चावल खराब हो जाता है़ वहीं चावल में खुद्दी 25 फीसद तक ही मान्य है़
चावल में 25 फीसदी से अधिक खुद्दी रहने पर सीएमआर स्वीकार नहीं किया जाना है़ क्वालिटी कंट्रोलर ने बताया कि मिलरों या पैक्सों द्वारा चावल के लॉट लाये जाने पर लॉट के किसी भी 20 बोरों से चावल का नमूना लिया जाता और उसकी जांच की जाती है़ जांच में सभी मानक पूरा होने पर उनका सीएमआर स्वीकार कर लिया जाता है़ मानक पूरा नहीं होने पर सीएमआर को वापस कर दिया जाता है़ उन्होंने बताया कि अब तक 53439.23 क्विंटल सीएमआर स्वीकार किया गया है़
मंगलवार को दुधौटी पैक्स अध्यक्ष सिराजुद्दीन अपने सीएमआर के लॉट को लेकर पहुंचे थे़ जांच में गुणवत्ता के सभी मानक पूरा होने पर उनका सीएमआर स्वीकार किया गया़ ज्ञात हो कि खराब गुणवत्ता वाले सीएमआर स्वीकार नहीं करने पर सीएमआर लदे दर्जनों ट्रक कई दिन से खड़ा है़ मिलर व पैक्स अध्यक्ष क्वालिटी कंट्रोलर पर मानक के अनुरूप खड़ा नहीं उतरने वाले सीएमआर को भी स्वीकार करने का दबाव बना रहे है़
धान अधिप्राप्ति के बाद खेल
सरकार ने किसानों के लिए इस नियम को लागू किया था. इसके तहत राइस मिल संचालकों को किसान से लिए गए धान को पैक्स के माध्यम से लेना था. धान के बदले सरकार को उन्हें चावल देना था. लेकिन कई राइस मिलरों ने ऐसा नहीं किया. धान तो लिया पर चावल बंगाल से घटिया क्वालिटी का खरीद कर एसएफसी को सीएमआर की आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा है.
क्या कहते हैं पैक्स अध्यक्ष
मौके पर मौजूद बुआलदह पैक्स अध्यक्ष जुनैद आलम एवं विशनपुर पैक्स अध्यक्ष निशार कौशर ने गुणवत्ता जांच करने की प्रक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया़ उन्होंने कहा कि चलनी से खुद्दी की जांच की जाती है़ जो सही सही खुद्दी की फीसदी का परीक्षण नहीं हो पाता है़
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