किशनगंज : जूट की खेती सीमांचल में व्यापक पैमाने में की जाती है़ जूट इस जिले के किसानों की जीवन रेखा है. इसे कैश क्राप की संज्ञा प्राप्त है. यहां के किसान जूट बेचकर ही अपनी जरूरत पूरी करते है. एक ओर जहां किसानों के लिए पाट की खेती वरदान साबित होती है, वहीं दूसरी ओर ज्यों -ज्यो पाट की लंबाई खेतों में बढ़ती जाती है त्यों-त्यों किशनगंज जिले में दुष्कर्म का ग्राफ बढ़ता चला जाता है़ खासकर मई,
जून और अप्रैल माह में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ जाती है. हालांकि एक दशक से पाट की खेती में गिरावट आयी है, लेकिन इस सीजन में दुष्कर्म और युवती की हत्या का मामले आये दिन प्रकाश में आते रहता है. इसी कड़ी में पटुआ के सीजन में इस वर्ष की पहली घटना है. सोमवार को कोचाधामन थाना क्षेत्र के मजगामा पंचायत के डिंगसोल से पश्चिम तथा कन्हैयाबाड़ी गांव से पूरब पाट खेत में एक अज्ञात युवती के शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई.
कयास लगाया जा रहा है कि तीन चार दिन युवती के साथ दुष्कर्म के बाद साक्ष्य मिटाने की नियत से उसकी हत्या कर पटुआ में फेंक दिया गया था. क्योंकि लाश काफी क्षत विक्षत हो चुकी है.यहां बताते चलें कि गांव के कुछ लोग घास लाने हेतु खेत में गये थे जो लाश को देख भागते हुये इसकी सूचना पंचायत के नवनिर्वाचित पंसस मगफूर आलम को दी जिन्होंने कोई देरी किये घटना स्थल का जायजा लिया और मौके पर से ही घटना की सूचना कोचाधामन पुलिस को दी़ स्थानीय लोगों ने बताया कि पाट की खेती के सीजन में इस तरह की वारदात प्राय: देखने में आती है.