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कुष्ठ रोगियों को बनाया जा रहा शराब कैरियर

हलीम चौक स्थित एक चाय नास्ता के दुकान से दो लीटर के कोल्ड ड्रिंग्स के 4 बोतलों में देशी शराब बरामद किशनगंज : अवैध रूप से देशी शराब बेचने वाले अब पश्चिम बंगाल से शराब कैरिंग करवाने के लिए गरीब व लाचार कुष्ठ रोगियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह खुलासा तब हुआ जब गुप्त […]

हलीम चौक स्थित एक चाय नास्ता के दुकान से दो लीटर के कोल्ड ड्रिंग्स के 4 बोतलों में देशी शराब बरामद

किशनगंज : अवैध रूप से देशी शराब बेचने वाले अब पश्चिम बंगाल से शराब कैरिंग करवाने के लिए गरीब व लाचार कुष्ठ रोगियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
यह खुलासा तब हुआ जब गुप्त सूचना के आधार पर मद्य निषेध नोडल पदाधिकारी मनीष कुमार ने स्थानीय हलीम चौक स्थित एक चाय नास्ता के दुकान से दो लीटर के कोल्ड ड्रिंग्स के 4 बोतलों में देशी शराब बरामद किया. हिरासत में लिये गये शनिचर नाम के कुष्ठ राेगी बंगाल से देशी शराब लाकर हलीम चौक स्थित चाय दुकानदार सोमना को शराब की बोतल दी़ सोमान उसे छिपा कर रखने लगा. तभी दल बल के साथ मद्य निषेध नोडल पदाधिकारी दुकान में आ धमके़ छापेमारी की तो शराब कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल में रखा देख भौंचक रह गये. पुलिस को दुकान की तरफ आता देख सोमान दुकान छोड़ कर फरार हो गया. परंतु नशे में धुत्त शराब कैरियर कुष्ठ रोगी भाग न सका और सिपाहियों के हत्थे चढ़ गया.
श्री कुमार ने कहा कि उनकी मंशा थी कि शराब के अवैध धंधेबाज जो मजबूर लाचार लोगों के इस्तेमाल करता है उसे पकड़ा जाये परंतु वह भागने में सफल हो गया. उन्होंने कहा कि जल्द ही उसे दबोच लिया जायेगा़
अभी भी चल रहा पीने पिलाने का दौर
नरेंद्र गुप्ता 4दिघलबैंक
शराबबंदी का असर त्रिस्तरीय पंचायत पर साफ दिखाई पड़ रहा है. पिछले पंचायत चुनाव में देशी, विदेशी, नेपाली व पश्चिम बंगाल सेवन्टी और सिक्सटी की महक के बल पर मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में अधिकांश प्रत्याशी पीछे नहीं रहे थे. बगैर पार्टी के समर्थक प्रचार करने ही नहीं निकलते है. जिसकी ओर से पार्टी उसी की जय जय… चौक चौराहों में सुनायी पड़ती थी. महीनों पहले से ही पार्टियों का दौर शुरू हो जाता था.
लेकिन, शराबबंदी के एलान व पुलिस की ओर से लगातार छापेमारी ने शराब के भरोसे मत पाने की मंशा पाले प्रत्याशियों के चेहरे मुरझाने लगे. तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुका है. चौथे चरण को लेकर 6 मई को दिघलबैंक में होगा. बुधवार को प्रचार भी थम गया है. इन तीन चरणों की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद तीनों प्रखंडों में मतदान बाद चौक-चौराहों पर लगने वाली समर्थकों की भीड़ अब दिख नहीं रही है.
इस मौसम में जब तक परिणाम नहीं आ जाता तब पियाक अपना पार्टी का जुगाड़ लगा ही लेता था. इधर शेष बचे चार चरणों में होने वाले चुनाव में प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में जा तो रहे है, पर उनके साथ पहले जैसी भीड़ नहीं दिख रही है. हालांकि अभी भी नेपाल व बंगाल से सटे प्रखंडों के समर्थकों के वांछे खिले हुए. बिहार में भले शराब बंद हो लेकिन नेपाल और बंगाल में अपना गला तर करने के लिए झूंड के झूंड जाते रहते है. जिसका खाना, उसी का गुणगान करने में जुटे है.
क्या कहते है प्रत्याशी
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक मुखिया प्रत्याशी ने बताया कि इस बार चुनाव में सब कुछ बदल गया है. लेकिन अभी नेपाल व बंगाल में पार्टी देने से काफी खर्च हो रहा है. पहले घर में पार्टी देने से कम खर्च होता था. वोटरों व समर्थकों को रिझाने के लिए जाम नेपाल व बंगाल में छलकाये जाते है.
मतदाता के चुप रहने से प्रत्याशियों की बढ़ी बेचैनी
चुनाव मैदान में डटे प्रत्याशियों की बेचैनी मतदाताओं ने बढ़ा दी है. गरमी को नजरअंदाज कर प्रत्याशी मतदाता को अपने पक्ष में करने में जुट गये है. पहले शराब की बदौलत कुछ वोटों को अपने ओर खींचने में प्रत्याशी कोई कोर कसर नहीं छाड़ते थे. लेकिन इस बार स्थिति कुछ और है़

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