किशनगंज : जिले के कोचाधामन और टेढ़ागाछ प्रखंड का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय से आज तक नहीं हो पाया है. एक-एक कर एक दर्जन से अधिक पुल टूट चुके हैं और कई पुल-पुलिया टूटने के कगार पर हैं. पुल बनने की दिशा में भी कार्रवाई नहीं की गयी. किशनगंज-बहादुरगंज सड़क के 25 […]
किशनगंज : जिले के कोचाधामन और टेढ़ागाछ प्रखंड का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय से आज तक नहीं हो पाया है. एक-एक कर एक दर्जन से अधिक पुल टूट चुके हैं और कई पुल-पुलिया टूटने के कगार पर हैं. पुल बनने की दिशा में भी कार्रवाई नहीं की गयी.
किशनगंज-बहादुरगंज सड़क के 25 किमी रोड में 15 किमी की स्थिति बेहद खराब है. इसके अलावा बहादुरगंज- अररिया एनएच 327ई गड्ढे पर सड़क है या फिर सड़क पर गड्ढा है, जबकि इस पर करोड़ों रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है. बरसात में दिघलबैंक के पश्चिमी क्षेत्र और टेढ़ागाछ प्रखंड टापू में तब्दील हो जाता है.
टेढ़ागाछ प्रतिनिधि के अनुसार, टेढ़ागाछ प्रखंड में चचरी पुल पर चार पहिया वाहन पार करते. प्रखंड के अधिकांश पुल क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. खनियाबाद पुल जो प्रखंड मुख्यालय को जोड़ता है सात साल से अर्धनिर्मित है. खनियाबाद लापानी जो फतेहपुर बॉर्डर को जोड़ता है.
मटियारी सुंदरबाड़ी प्रखंड को जोड़ने वाली मात्र एक ही सहारा है. टेकनी घाट पर बना पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. ग्राम पंचायत हवाकोल बगुलाहागी पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. वहीं कुढ़ैली पुल लोधाबाड़ी पुल की स्थिति इतनी जर्जर हो गयी है कि चारपहिया वाहन तो क्या दो पहिया वाहन भी इस पुल होकर नहीं गुजर सकता. दूसरी ओर बौरिया पुल व सड़क वर्षों से क्षतिग्रस्त रहने के कारण इन पुलों से होकर गुजरने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, जबकि खाड़ीटोला पुल के वर्षों से क्षतिग्रस्त रहने के बाद आवागमन में होने वाली कठिनाईयों को देखते हुए स्थानीय लोगों ने निजी पहल कर नदी के ऊपर चचरी पुल का निर्माण कर अपनी जान हथेली पर रख कर किसी तरह आवागमन करने को बाध्य है. प्रखंड वासी जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से पुल को मरम्मत करने की मांग की है.