गृहिणी रेणु सिन्हा कहती है कि जब भूकंप आया था मैं किशनगंज में थी. मेरे मन में तरह-तरह के ख्याल आते रहे. घर में बेटा-बेटी किस प्रकार होगा. क्योंकि मेरा चारों बच्च चार जगह था जिसे मैं तब से नजरों के सामने ही रखना चाहती हूं. लिसू सिन्हा एवं प्रतिमा सिन्हा कहती है भूकंप के दिन से रतजगा कर घर के बरामदे में रात बिता रही हूं.
कमलपुर पंचायत की उद्दीपिका बिरौनवाला कुमारी कहती है कि मैं लगातार सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं से संपर्क कर केंद्रों पर चौकन्ना रह कर नन्हें बच्चों पर पूरी नजर रखने की सलाह दे रही हूं.