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बिन ब्रेथ एनालायजर मशीन की पुलिस करती है पहचान

ठाकुरगंज : सूबे में वर्ष 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. इसे प्रभावी बनाने के लिए सभी थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी. बंगाल से सटे सीमावर्ती इलाकों में पुलिस चेकपोस्ट बनाये गये. लेकिन पुलिस चेकपोस्ट, थानों व अस्पतालों में ब्रेथ एनेलाइजर मशीन की व्यवस्था नहीं की गयी. पुलिस शराबियों का मुंह […]

ठाकुरगंज : सूबे में वर्ष 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. इसे प्रभावी बनाने के लिए सभी थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी. बंगाल से सटे सीमावर्ती इलाकों में पुलिस चेकपोस्ट बनाये गये. लेकिन पुलिस चेकपोस्ट, थानों व अस्पतालों में ब्रेथ एनेलाइजर मशीन की व्यवस्था नहीं की गयी. पुलिस शराबियों का मुंह सूंघ कर उनके शराब पीने की पुष्टि करती रही है.

कोर्ट में इसका कोई दस्तावेजी आधार नहीं रहने का फायदा आरोपित को मिल रहा है. शराब बंदी कानून लागू होने से अब तक सैकड़ों शराबियों को मुंह सूंघ कर जेल भेज दिया गया. करीब ढाई वर्षों बीतने के बावजूद ठाकुरगंज हॉस्पिटल और सीमा पर बसे विभिन्न थाने ब्रेथ एनलाइजर मशीन का इंतजार कर रहे है. बताते चले ठाकुरगंज प्रखंड बंगाल और नेपाल से सटा हुआ है. उन दोनों स्थलों पर शराबबंदी लागू नहीं है. लिहाजा शराब के शौकीन मौका निकाल जाम छलकाने बंगाल और नेपाल चले ही जाते हैं.
चाल-ढाल देखकर बताते हैं एल्कोहल लिया है या नहीं ठाकुरगंज प्राथमिक हॉस्पिटल में एल्कोहल चेक करने के लिए ब्रेथ एनालायजर मशीन नहीं है. पुलिस जिन लोगों को शराब पीकर हुड़दंग मचाने के मामलों में मेडिकल के लिए अस्पताल में लेकर आती है उनकी जांच डॉक्टर उनका मुंह सूंघकर व चाल ढाल देखकर ही करते हैं.
इस मामले में ठाकुरगंज हॉस्पिटल के डॉक्टर मनोरंजन कुमार बताते है की एल्कोहल चेकिंग मशीन ब्रेथ एनलाइजर हो तो यह पता लगाया जा सकता है कि आरोपित ने कितनी मात्रा में शराब का सेवन किया है. लेकिन इसके अभाव में हम आरोपित के मुंह से आने वाली स्मेल और उसके चाल ढाल को देखकर ही बताते है कि आरोपित ने शराब का सेवन किया है या नहीं.
दो तरीके से होती है जांच
सूत्रों ने बताया कि मेडिकल जांच की प्रक्रिया दो तरीके से होती है. पहली प्रक्रिया में ब्रेथ एनालाइजर के प्रयोग से यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति की सांसों में अल्कोहल की मात्रा है, अथवा नहीं. जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करती है. हालांकि पुलिस ब्रेथ एनालाइजर के अलावा रक्त जांच द्वारा भी शरीर में मौजूद अल्कोहल की मात्रा का पता लगाकर शराब पीने की पुष्टि पुख्ता तरीके से करती है. हालांकि, रक्त जांच करने की कोई व्यवस्था ठाकुरगंज अस्पताल में मौजूद नहीं है.
मुंह सूंघने के बाद शराब पीने की होती है पुष्टि
इसी का नतीजा है कि ठाकुरगंज प्रखंड के विभिन्न थानों में शराबियों के पकड़े जाने के मामले अधिक सामने आते हैं. लेकिन अब तक इन्हें मुंह सूंघ कर ही जेल भेजा जाता रहा है. जबकि शराबियों द्वारा कितने फीसदी शराब का सेवन किया गया है. इसकी पुष्टि मुंह सूंघ कर नहीं की जा सकती. इसके लिए ब्रेथ एनालायजर मशीन से उनकी जांच जरूरी है. लेकिन इसके नहीं रहने पर मुंह सूंघकर भी काम चला लिया जाता है.

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