विवेक कुमार, गलगलिया : जिम्मेदारों की अनदेखी से ठाकुरगंज प्रखंड के भारत-नेपाल सीमा पर स्थित उच्च विद्यालय गलगलिया एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. शिक्षकों की कमी से ग्रामीण नौनिहालों का भविष्य चौपट हो रहा है. जिससे अभिभावकों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.
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चार साल से एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है गलगलिया उच्च विद्यालय
विवेक कुमार, गलगलिया : जिम्मेदारों की अनदेखी से ठाकुरगंज प्रखंड के भारत-नेपाल सीमा पर स्थित उच्च विद्यालय गलगलिया एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. शिक्षकों की कमी से ग्रामीण नौनिहालों का भविष्य चौपट हो रहा है. जिससे अभिभावकों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. लोगों के कई बार शिकायत करने पर कहीं कोई […]
लोगों के कई बार शिकायत करने पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. सिस्टम से नाराज लोगों ने कहा अगर शिक्षकों की जल्द तैनाती नहीं की गयी, तो वे अपने बच्चों को इन स्कूलों से हटाकर अन्य जगह भेजने को मजबूर हो जायेंगे. भारत-नेपाल सीमा के ग्रामीण इलाकों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था में अपेक्षाकृत सुधार नहीं होने से लोग निराश हैं.
ग्रामीणों की माने तो गलगलिया हाई स्कूल में चार वर्ष से सिर्फ एक शिक्षक तैनात है. शिक्षकों की कमी के चलते विद्यालय में कुछ समय पहले तक बच्चों की संख्या अच्छी खासी थी. लेकिन बाद में छात्र संख्या लगातार घटती चली गयी. वर्तमान में कक्षा नवम में 274 बच्चों की संख्या रह गयी.
वहीं छात्रों का कहना है विषयवार शिक्षक नहीं रहने से एक भी कोर्स पूरा नहीं हो पाता है. मजबूरन कोचिंग सेंटर में पढ़ना है. हालांकि सरकारी विद्यालय में अधिकांश गरीब परिवार के बच्चे होने के कारण ट्यूशन की राशि जमा नहीं करने पर संचालक निकाल भी देते है.
वहीं अभिभावक बुधन पासवान मनोज गिरि संजय सिंह मुरारी साहनी आदि ने बताया कि सरकार स्कूल के विकास के लिए दिन प्रतिदिन तरह तरह की घोषणाएं करती रहती है, पर चार सालों से भी अधिक समय से एक शिक्षिका के भरोसे उच्च विद्यालय चलाया जा रहा है. इस पर विभाग की नजर नहीं है स्कूल की स्थिति दयनीय होती जा रही है़
इसकी सुधि लेनेवाला भी कोई नहीं है़ हमलोगों के पास ज्यादा पैसा भी नहीं है कि अपने बच्चों को बाहर रखकर पढ़ा सके़ गांव में स्कूल है़ सभी ने यहीं से पढ़ाई की है़ पर आज इस स्कूल में पठन-पाठन जैसी चीज ही नहीं रह गयी. सरकार और प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए. ताकि गांव के बच्चों को भी गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके.
कहते हैं प्रधानाचार्य
हाई स्कूल में शिक्षकों की कमी का कारण बच्चे को भाषावार, विषयवार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित होती है, उन्होंने कहा कि स्कूलों में नये सत्र में शिक्षकों की कमी दूर किया जायेगा. इसके लिए हमने आलाधिकारी को लिखित जानकारी दे दी है.
अर्जुन पासवान, प्रधानायापक
कहते हैं बीइओ
अभी आचार संहिता है उसके बाद हमलोग प्रयास करेंगे. विभाग का आदेश है हम किसी शिक्षक का प्रतिनियुक्ति नहीं कर सकते है. जल्द ही ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास किये जा रहे है.
सावित्री देवी, बीईओ, ठाकुरगंज
कहते हैं मुखिया
शिक्षकों की कमी से विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में है. कई बार शिक्षक के विभागीय कार्य से किशनगंज जाने व बीमार पड़ने से नवम व दशम कक्ष में ताले लटक जाते हैं. नियमानुसार प्रत्येक जूनियर हाईस्कूल में विषयवार शिक्षकों की तैनाती की व्यवस्था है.
मीरा सिंह, मुखिया
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