कुमार आशीष, किशनगंज : बिहार का टी गार्डेन है किशनगंज. चाय के अलावे यह अनानास जैसे फलों की खेती के लिए भी चर्चित है. बंगाल और नेपाल की सीमा से सटे किशनगंज को नैसर्गिक सुंदरता और सुहावने मौसम का वरदान प्राप्त है. यहां पर्याप्त संख्या में स्कूल, कॉलेजों के अलावे विश्वविद्यालय भी स्थापित हैं. इलाज के लिए भी पीएचसी से लेकर मेडिकल कॉलेज तक स्थापित हैं.
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शैक्षिक व सामाजिक विकास की उम्मीद में निकले मतदाता
कुमार आशीष, किशनगंज : बिहार का टी गार्डेन है किशनगंज. चाय के अलावे यह अनानास जैसे फलों की खेती के लिए भी चर्चित है. बंगाल और नेपाल की सीमा से सटे किशनगंज को नैसर्गिक सुंदरता और सुहावने मौसम का वरदान प्राप्त है. यहां पर्याप्त संख्या में स्कूल, कॉलेजों के अलावे विश्वविद्यालय भी स्थापित हैं. इलाज […]
सड़कों का तो कहीं कोई अभाव ही नहीं है. घनी आबादी वाले इस शहर में चार फ्लाइओवर होने के कारण यहां न तो यातायात की समस्या है और न ही कभी जाम लगने की समस्या ही सामने आती है. बावजूद यह राज्य ही नहीं, देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है.
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह संसदीय क्षेत्र अब तक उलझा पड़ा दिख रहा है. पिछड़ेपन का यह भी एक बड़ा कारण रहा है. जबकि 2004 में किशनगंज ने राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी जगह बनाई थी. यहां से जीतकर सांसद बने सैयद शहनवाज हुसैन के रूप में देश को सबसे कम उम्र का कैबिनेट मंत्री मिला था.
23 मई को दिखेगी लोगों की पसंद. इस बार चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे. किशनगंज संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 16 लाख 52 हजार 940 है. जिसमें महिला सात लाख 37 हजार 215 व पुरुष आठ लाख 55 हजार 667 हैं. गुरुवार को डाले गए मतों का प्रतिशत लगभग 63.04 प्रतिशत रहा. वोट डालकर मतदाताओं ने सभी प्रत्याशियों का भविष्य 23 मई तक के लिए इवीएम में कैद कर दिया है.
स्थानीय लोगों के अनुसार मुख्य मुकाबला राज्य की सत्तासीन जनता दल यूनाइटेड के महमूद अशरफ और महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के डॉ मो जावेद के बीच ही है. लेकिन इन दोनों के साथ आंध्रप्रदेश के कट्टरपंथी नेता असदुद्दीन ओवैशी की पार्टी एआइएमआइएम जगह बनाती दिख रही है.
एआइएमआइएम के अख्तरूल इमान ने चुनावी संघर्षण को त्रिकोणात्मक बनाने का प्रयास किया है. एनडीए और महागठबंधन के बीच एआइएमआइएम को कितनी जगह मिल पाती है. यह तो 23 मई को ही पता चल पाएगा. हालांकि ओवैशी ने 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में भी सीमांचल के सभी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा कर जगह बनाने की पुरजोर कोशिश की थी. लेकिन कहीं भी उन्हें सफलता नहीं मिली थी.
बहुत कुछ होना बांकी है
सीमांचल के इस इलाके को जरूरत है शैक्षिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास की. जो संभवत: अब तक नहीं किया जा सका है. अब 23 मई को मतों की गिनती के बाद ही यह सामने आ सकेगा कि यहां के मतदाताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताया है या फिर राहुल गांधी पर.
या फिर इन दोनों को छोड़कर हैदराबाद के कटरपंथी नेता असदुद्दीन ओवैशी को बिहार का रास्ता दिखाया है. कोई भी चुनाव जीत कर आये. लेकिन राजनीति यहां तब जीतेगी, जब शिक्षण संस्थाओं के अनुरूप शिक्षा का प्रतिशत बढ़ेगा. नैसर्गिक सुंदरता और सुहावने मौसम की तरह सामाजिक स्तर में बदलाव होगा.
मैदान में जमे सभी प्रत्याशियों ने किये भारी मतों से अपनी-अपनी जीत के दावे
किशनगंज जदयू प्रत्याशी सैयद महमूद अशरफ ने अमोर में मतदान करने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतदान करने के बाद उन्होंने अपनी जीत के प्रति आश्वस्त होते हुए कहा कि लोक सभा आम निर्वाचन 2019 में किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से एनडीए की जीत निश्चित है.
उन्होंने कहा कि वह भारी मतों से जीत दर्ज कर केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार को मजबूती प्रदान करेंगे. श्री असरफ ने कहा कि 23 मई को मतगणना के दिन पूरी तरह साफ हो जाएगा कि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र की जनता ने किसे अपना समर्थन दिया और किसे नकार दिया है.
किशनगंज कांग्रेस प्रत्याशी डॉ जावेद ने किशनगंज विधान सभा क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए मतदान किया .मतदान के बाद डॉक्टर जावेद ने कहा कि किशनगंज की जनता अमन पसंद है. यहां गंगा जमूनी तहजीब और हिंदू- मुस्लिम एकता की मिशाल दी जाती है .
भाजपा- जदयू एवं कट्टरपंथी सोच रखने वाले को यहां की जनता न कभी पसंद किया है .और आगे भी नहीं करेगी. डॉ जावेद ने अपनी जीत सुनिश्चित बताते हुए कहा कि किशनगंज में महागठबंधन की जीत तय है. डॉ जावेद ने कहा कि कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों ने यहां की जनता को बहुत बरगलाने का प्रयास किया .लेकिन जनता अब जाग चुकी है.
किशनगंज क्षेत्र के विकास के लिए किशनगंज लोकसभा क्षेत्र की जनता ने एआईएम एम आई एम को अपना पुरजोर समर्थन किया. क्षेत्र की जनता की मिजाज से स्पष्ट है कि उनकी जीत सुनिश्चित है. अख्तरुल ईमान ने कहा की गरीबी, बेरोजगारी अशिक्षा यहां की प्रमुख समस्या है.
लेकिन और आरएसएस और भाजपा की गोद में बैठी जदयू की सरकार अब जनता को ठग नहीं सकती है. लोग नीतीश कुमार के करनी और कथनी को समझ चुकी है. इसलिए लोग अख्तरूल ईमान एवं एआईएम की तरफ बड़े ही आशा से देख रही है.
कांग्रेस नेता सरफराज पुलिस हिरासत में
किशनगंज . गुरुवार को शिक्षा सुधार मतदान केंद्र के समीप से कांग्रेस के युवा जिलाध्यक्ष सरफराज खान उर्फ रिंकू को पुलिस ने हिरासत में लिया. एसपी कुमार आशीष ने बताया कि किसी लोकसभा प्रत्याशी के विरुद्ध आपत्तिजनक वीडियो वायरल मामले में हिरासत में लिया गया है.
उन्होंने कहा कि वीडियो की सत्यता की जांच चल रही है. वही सरफराज से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.
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