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किसी ने कहा किसान हित में तो किसी ने बताया मध्य वर्ग विरोधी

किसी ने कहा किसान हित में तो किसी ने बताया मध्य वर्ग विरोधी बटज में हर तबके का रखा गया है ख्याल : डाॅ दिलीप किशनगंज : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट 2018-19 पेश किया. सरकार के इस आखिरी आम बजट में कई बातों का ध्यान रखा गया है और हर […]

किसी ने कहा किसान हित में तो किसी ने बताया मध्य वर्ग विरोधी

बटज में हर तबके का रखा गया है ख्याल : डाॅ दिलीप
किशनगंज : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट 2018-19 पेश किया. सरकार के इस आखिरी आम बजट में कई बातों का ध्यान रखा गया है और हर वर्ग का ध्यान में रखते हुए कई घोषणाएं की गयी है. बजट में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके तहत खरीफ़ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 1.5 गुना किया गया है. इसके अलावा 2000 करोड़ रुपये की लागत से देश भर के गांवों में कृषि हाट खोले जाएंगे. किसानों को मिलने वाले क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाया जाएगा. यह अब मछुआरों और पशुपालकों को भी दिया जाएगा. गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास फोकस किया गया है. सरकार ने विकास कामों के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है. अरुण जेटली ने गुरुवार को केंद्रीय बजट पेश किया, जिसपर किशनगंज के कुछ लोगों ने जहां बजट की सराहना की है तो वहीं कुछ लोगों ने बजट को जनविरोधी करार दिया है.
सरकार ने किसानों को कई सौगातें दी हैं. इनमें सबसे बड़ी सौगात है एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की. केन्द्र सरकार ने सिद्धांत के अनुसार खरीफ फसल की एमएसपी को दोगुना करने का फैसला किया है. इससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी. किसानों को उनकी लागत से 50 फीसदी से अधिक कमाई हो यह सरकार की कोशिश है. बजट में सीनियर सिटीजन, गरीब सहित हर तबके का ख्याल रखा है. सोशल सिक्युरिटी के दायरे को बढ़ाया गया . साथ ही हेल्थ, एजुकेशन के सरचार्ज 1 फीसदी बढ़ाया गया है, जिससे सोशल सिक्युरिटी के दायरे को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
विधान पार्षद डाॅ दिलीप कुमार जायसवाल
किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए बजट में 10 हजार करोड़ फंड का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही बजट में आठ करोड़ गरीब लोगों को गैस कनेक्शन देने की भी घोषणा की गई है. बजट की इन सभी योजनाओं का बिहार को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि पूरा बजट निचले तबके और पिछड़े राज्यों के विकास के लिए बनाया गया है. यह पूरी तरह संतुलित बजट है.
पूर्व विधायक सिकन्दर सिंह
मोदी सरकार ने बजट में देश के 10 करोड़ परिवारों के लिए हर साल 5 लाख रुपये तक के मेडिक्लेम का एलान किया. इस योजना में 50 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा. इस बार सरकार नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर दे रही है. सरकार ने अब 20 लाख बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुनिश्चित किया है. वहीं सरकार अब अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी और टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
डॉ इच्छित भारत
बजट नौकरी पेशा और वरिष्ठ नागरिकों सहित आम लोगों को फायदा पहुंचाने वाला बजट है. किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है. पशुओं के संवर्धन के लिए गोवर्धन योजना चलाई जाएगी. पशु और मछली पालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का फंड वित्त मंत्री ने अलग से रखा है. 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य भी बजट में निर्धारित किया गया है.
सेवानिवृत कृषि निदेशक डाॅ पीपी सिन्हा
आम बजट में बिहार के साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया गया है. बजट से गरीब-किसान-मजदूर को निराशा; बेरोजगार युवाओं को हताशा; कारोबारियों, महिलाओं, नौकरीपेशा और आम लोगों के मुंह पर तमाचा. ये जनता की परेशानियों की अनदेखी करने वाली अहंकारी सरकार का विनाशकारी बजट है. आख़री बजट में भी भाजपा ने दिखा दिया कि वो केवल अमीरों की हिमायती है. अब जनता जवाब देगी.
प्रो मुसब्बीर आलम, जाप के प्रदेश महासचिव
कांग्रेस जिलाध्यक्ष इसे चुनावी बजट बता रहे हैं. क्योंकि 2018 में देश में 8 चुनाव होने वाले हैं. इसलिए चुनाव के पहले कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों पर सरकार ने बजट में ख़ास ध्यान रखा है. उन्होंने कहा कि बिहार को इस बजट से कोई फायदा नहीं हुआ है. जो लोग विशेष दर्जा की आस लगाए बैठे थे, उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है.
पिंटू चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
बजट में देश के अमीरों का ख्याल रखा गया है. बजट में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज का जिक्र नहीं होना राज्यवासियों के साथ घोर अन्याय है. अब नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि डबल इंजन की सरकार में बिहार के साथ इतना घोर अन्याय क्यों हो रहा है.
तौसीफ आलम, विधायक
आम बजट में आयकर की सीमा नहीं बढ़ाकर भाजपा ने जनता के साथ धोखा किया है. पेट्रोलियम कंपनियों तथा निजी तेल कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए इसे वस्तु सेवाकर में शामिल नहीं किया गया. रेल का किराया तीन साल में सात बार बढ़ाया गया. जिससे कि गरीब यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ़
अख्तरूल इमान, पूर्व विधायक
सांसद मौलाना असरारूल हक कासमी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने एक बार फिर बजट में सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें की है और लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास किया है. जबकि आमलोगों के लिए कोई राहत नहीं है. बजट से महंगाई और बेरोजगारी और बढ़ावा ही मिलेगा. एक बार फिर मोदी सराकर ने लोगों को निराश किया है. युवाओं को नौकरी देने के दावे का क्या हुआ. सिर्फ जुमले के सहारे जनता को बरगलाने की कोशिश यह सरकार कर रही है. लेकिन जनता बहुत ही होशियार हो गई है. वो समय आने पर अपनी अनदेखी का जबाव देगी.

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