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आयरनयुक्त पानी पीने को विवश हैं टेढ़ागाछवासी

टेढ़ागाछ : प्रशासनिक पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण मात्र 10 से 15 फीट की गहराई पर भू-जल उपलब्ध होने के बावजूद भी यहां के लोग शुद्ध पेयजल के अभाव में आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर है. जानकारों की माने तो आवश्यकता से कई गुना अधिक लौह तत्व एवं आर्सेनिक की मात्रा ने […]

टेढ़ागाछ : प्रशासनिक पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण मात्र 10 से 15 फीट की गहराई पर भू-जल उपलब्ध होने के बावजूद भी यहां के लोग शुद्ध पेयजल के अभाव में आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर है. जानकारों की माने तो आवश्यकता से कई गुना अधिक लौह तत्व एवं आर्सेनिक की मात्रा ने यह के पानी को जहरीला बना दिया है, जिस कारण से यहां के लोग प्रदूषित जल पीकर कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.

पानी के दोष के कारण यहां लोग चर्म रोग, कब्ज, लीबर, इस्नोफेलिया, दांत के रोग व गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. इस दूषित जल को मीठा जहर के रूप में पीकर यहां के लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं. सरकार द्वारा आमजनों के लिए आयरनमुक्त पेय जल सुविधा को लेकर कई योजनाें चलायी जा रही है. इस मद में प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च भी हो रहे हैं, परंतु प्रशासनिक उदासीनता के कारण पेयजल उपलब्ध कराने की योजनाएं आज तक धरातल पर नहीं उतर पायी.

आज भी प्रखंड क्षेत्र के 12 पंचायतों के लोग आयरनयुक्त जल पीने को विवश हैं. लोजपा जिला प्रवक्ता हसनैन रजा का कहना है कि पेयजल जैसी जनोपयोगी समस्या है, लेकिन जन प्रतिनिधि व विभागीय लापरवाही के कारण आम लोग आयरन युक्त जल पीने में मजबूर हैं. गोविंदा तिवारी सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि प्रखंड वासी आज भी लौह युक्त जल पीने को मजबूर हैं, जिसके कारण यह के लोग बीमार हो रहे हैं.

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