महाष्टमी. सप्तशती के पाठ व जय दुर्गे के जय घोष से गूंज रहा था पूरा क्षेत्र
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तिलडीहा दुर्गा मंदिर में उमड़े भक्त
महाष्टमी. सप्तशती के पाठ व जय दुर्गे के जय घोष से गूंज रहा था पूरा क्षेत्र प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल व तांत्रिक शक्तिपीठ है तिलडीहा दुर्गा मंदिर शंभुगंज : पूर्वी बिहार का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल व तांत्रिक शक्तिपीठ हरिवंशपुर तिलडीहा दुर्गा मंदिर में गुरुवार को महाष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ […]
प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल व तांत्रिक शक्तिपीठ है तिलडीहा दुर्गा मंदिर
शंभुगंज : पूर्वी बिहार का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल व तांत्रिक शक्तिपीठ हरिवंशपुर तिलडीहा दुर्गा मंदिर में गुरुवार को महाष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. बुधवार को मंदिर का पट खुलते ही मध्य रात्रि से ही सर्वप्रथम जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इसके पूर्व ईन श्रद्धालुओं ने सुलतानगंज के पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर वहां से जल लिये और जय दुर्गे के जय घोष के साथ नया कांवरिया पैदल पथ से होकर तिलडीहा दुर्गा मंदिर पहुंचकर मां भगवती को जलाभिषेक किये.
जबकि सुबह सूर्योदय के साथ ही तिलडीहा दुर्गा मंदिर में मां भगवती को डलिया चढ़ाने वाली महिला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. वहीं प्रशासन ने लाखों की भीड़ को देखते हुए पहले से ही बैरिकेटिंग की व्यवस्था कर रखा था. जहां मां के दरबार में जलाभिषेक करने व डलिया चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं को कतार में लगाकर पूजा अर्चना करने की व्यवस्था किया गया था.
आठ सेक्टर में बंटा है पूरा मेला परिक्षेत्र: अष्टमी से जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पुरा मेला परिक्षेत्र को आठ सेक्टर में बांट दिया है. जहां दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी पुलिस बल के जवानों के साथ दिन भर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रण करने में मशक्कत करते रहे. साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल व महिला पुलिस बल को मेला में तैनात किया गया है. इसके अलावा चोरों व उचक्कों पर नजर रखने के लिए सादे लिवास में भी पुलिस बल को मेला में तैनात किया गया है. पुरा मेला परिक्षेत्र में 20 जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. जहां नियंत्रण कक्ष से ही श्रद्धालुओं पर नजर रखी जा रही है. वहीं लाखों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाकर बरामदा पर से ही मां भगवती की पूजा अर्चना करने व जलाभिषेक करने की व्यवस्था की है. जिला प्रशासन ने तिलडीहा दुर्गा मंदिर में आपात स्थिति से निपटने के लिए दो एंबुलेंस, फायर बिग्रेड वाहन, पानी के दो टंकर, चिकित्सकों की दो टीम को तैनात किया गया है. वहीं अष्टमी को रात्रि के आठ बजे से बकरे की बलि चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया था. जबकि नवमी को दिन के एक बजे से बलि चढ़ाने का दौर चालू किया जायेगा. मेले में भगदड़ न मचे व वर्ष 2010 की भांति कोई अप्रिय घटना न हो इसको लेकर प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रही है.
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