पहल. गंगा किनारे के सात पंचायत वासियों को मिलेगा शुद्ध पेयजल
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डीपीआर तैयार कर भेजा पटना
पहल. गंगा किनारे के सात पंचायत वासियों को मिलेगा शुद्ध पेयजल जिले के 56 पंचायत के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर हैं. इससे स्कीन व लिवर कैंसर बढ़ने की आशंका रहती है. इसको लेकर लोक स्वास्थ्य प्रमंडल ने पहल की है. विभाग ने गंगा किनारे के सात पंचायत में लोगों को शुद्ध पेयजल […]
जिले के 56 पंचायत के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर हैं. इससे स्कीन व लिवर कैंसर बढ़ने की आशंका रहती है. इसको लेकर लोक स्वास्थ्य प्रमंडल ने पहल की है. विभाग ने गंगा किनारे के सात पंचायत में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनायी गयी है. इसको लेकर डीपीआर तैयार कर पटना भेज दिया गया है.
खगड़िया : जिले की आधी आबादी आर्सेनिक युक्त पानी पीने को विवश है. अब लोक स्वास्थ्य प्रमंडल द्वारा जिले के सात पंचायत के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की तैयारी की जा रही है. विभाग के अधिकारी द्वारा डीपीआर तैयार किया जा चुका है. आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र में रिमुवल प्लांट लगाया जायेगा. इसके लिए सबसे पहले 100 वार्ड के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया होगा. इसमें गंगा किनारे खगड़िया प्रखंड के दो पंचायत रहीमपुर उत्तरी व रहीमपुर मध्य, गोगरी प्रखंड के तीन पंचायत बन्नी, पकरैल, देवठा तथा परबत्ता प्रखंउ के दो पंचायत कबेला व सौढ़ उत्तरी पंचायत के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जायेगा.
बढ़ सकती है बीमारी: आर्सेनिक युक्त पानी पीने से कैंसर होने की आशंका बनी रहती है. विशेषज्ञ की मानें तो स्कीन कैंसर, लिवर कैंसर आदि बीमारियों के साथ साथ जापानीज इंसेफ्लाइटिस, अमेरिकन इंसेफ्लाइटिस, पोलियो, डायरिया होने की आशंका बनी रहती है. रसायन विज्ञान संजय कुमार पांडेय ने बताया कि मानव मल का अंश पानी के स्रोत में मिलने से बीमारी होने की आशंका बनी रहती है.
पानी की हो रही है जांच: प्रत्येक माह लगभग 300 पानी के सैंपल की जांच लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा जिला जल जांच प्रयोगशाला में की जाती है. जिला जल जांच प्रयोगशाला के रासायनज्ञ संजय कुमार पांडेय, प्रयोगशाला सहायक अशरफ नाजमी ने बताया कि प्रत्येक माह जल की जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जल देकर इसकी जांच प्रयोगशाला में करा सकते हैं. उन्होंने बताया कि नि:शुल्क जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि जिले के 129 पंचायत में से अधिकांश पंचायत के लोग आयरन व आर्सेनिक युक्त पानी पीते हैं. बछौता, शेर चकला, मुश्कीपुर, आनन्दपुर मारन, रामपुर, चौथम, मानसी, बेलदौर आदि में सर्वाधिक आयरन पाया जाता है.
56 पंचायत हैं आर्सेनिक से प्रभावित
जिले के 56 पंचायत आर्सेनिक से प्रभावित हैं, जबकि शेष पंचायत के लोग भी आंशिक रूप से आर्सेनिक व आयरन से प्रभावित हैं. हालांकि विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए कई योजना चलायी जा रही है. आर्सेनिक प्रभावित पसराहा, परबता, महेशखूंट, चकहुसैनी, रामपुर, गोविंद पुर, सौढ़ आदि पंचायत में मिनी पाइप जलापूर्ति योजना के तहत शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की तैयारी चल रही है.
लगा आर्सेनिक रिमुवल प्लांट
लोक स्वास्थ्य प्रमंडल ने लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 14 जगह आर्सेनिक रिमुवल प्लांट तथा 18 जगह आयरन रिमुवल प्लांट लगाया है.
आयरन और आर्सेनिक रिमुवल प्लांट लगाने के लिए डीपीआर तैयार किया जा चुका है. जिले में सभी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है.
विकास सिंह, एसडीओ, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल
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