डीपीजीआरओ के आदेश पर एलडीएम ने मांगा जवाब
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एलडीएम ने बैंक मैनेजर से पूछा स्पष्टीकरण
डीपीजीआरओ के आदेश पर एलडीएम ने मांगा जवाब शाखा प्रबंधक पर सुनवाई में भाग नहीं लेने का है आरोप खगड़िया : यूको बैंक के रहीमपुर शाखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विजय कुमार सिंह के द्वारा जारी आदेश के आलोक में एलडीएम सजल चटराज ने शाखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण […]
शाखा प्रबंधक पर सुनवाई में भाग नहीं लेने का है आरोप
खगड़िया : यूको बैंक के रहीमपुर शाखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विजय कुमार सिंह के द्वारा जारी आदेश के आलोक में एलडीएम सजल चटराज ने शाखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा है. जानकारी के मुताबिक शाखा प्रबंधक से लापरवाही के आलोक में जबाव देने को कहा है. सूत्र बतातें हैं कि अगर प्रबंधक का जबाव संतोषजनक नहीं रहा तो इनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक शाखा प्रबंधक से बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम 2015 की अवहेलना करने के आरोप में जवाब मांगा गया है.
सुनवाई में नहीं थे मौजूद
यूको बैंक शाखा रहीमपुर से जुड़े एक मामले की सुनवाई में भाग लेने तथा इस संदर्भ में अपना प्रतिवेदन नहीं देने के कारण शाखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण पूछने का आदेश जारी किया गया है. जानकारी के मुताबिक एलडीएम के माध्यम डीपीजीआरओ ने सुनवाई में भाग लेने के लिए शाखा प्रबंधक को नोटिस जारी किया था. लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए. इस मामले में जारी आदेश में डीपीजीआरओ ने इस बात का उल्लेख किया है कि एक नहीं बल्कि कई अवसर देने के बावजूद बैंक के कोई प्रतिनिधि सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए. बैंक प्रबंधक/प्रबंधन की लापरवाही के कारण इनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है.
कहते हैं एलडीएम
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा जारी किये गए आदेश में उन्हें ही यूको बैंक के रहीमपुर शाखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण पूछने को कहा गया था. उन्होंने शाखा प्रबंधक को पत्र लिख कर सुनवाई में भाग लेने की वजह पूछी है. सात दिनो में इसका जवाब मांगा गया है.
कहते हैं डीपीजीआरओ
चूंकि आवेदक ने ऋण जमा करने के लिए समय मांगा था. यह पूरी तरह बैंक के क्षेत्राधिकार एवं विवेकाधिकार से संबंधित है. इसमें हस्तक्षेप करना मुनासिब नहीं है. लेकिन बार-बार अवसर दिये जाने के बावजूद शाखा प्रबंधक या उनके प्रतिनिधि का सुनवाई में भाग नहीं लेना बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम 2015 की अवहेलना के समान है. इस प्रकार की लापरवाही/मनमानी की अनदेखी नहीं की जा सकती है. क्योंकि इससे इस जनोपयोगी अधिनियम का उद्देश्य प्रभावित होगा. फिलहाल उक्त शाखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगने को कहा गया है. आगे की कार्रवाई जवाब की समीक्षा के बाद की जायेगी.
कहते हैं प्रबंधक
शाखा प्रबंधक प्रशांत कुमार ने बताया कि उनके साथ एक अत्यंत ही दुखद घटना घटित हुई थी. वे मुख्यालय से बाहर थे. इस वजह से वे सुनवाई में उपस्थित नहीं हो पाये. जान बुझ कर उन्होंने इस अधिनियम व वरीय अधिकारी के आदेश की अनदेखी नहीं की है. स्पष्टीकरण का जवाब उन्होंने भेज दिया है.
ऋण से जुड़ा है मामला
रहीमपुर निवासी गणेश झा ने ऋण जमा करने के लिए कुछ और समय की मांग करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को आवेदन दिया था. उन्होंने डीपीजीआरओ को दिये आवेदन में कहा था कि रहीमपुर यूको बैंक शाखा से उन्होंने पीएमइजीपी के तहत वर्ष 2010 में ऋण लिया था. 65 हजार रुपया इन्होंने जमा कर दिया है. शेष बची राशि के लिए इन्होंने कुछ समय की मांग करते हुए जिला स्तर पर आवेदन दिया था.
हालांकि सुनवाई अधिकारी ने आवेदक को ऋण की राशि जल्द से जल्द बैंक को वापस कर देने की सलाह दी. यहां आवेदक को यह बताया गया कि बैंक से लिए गये ऋण की राशि समय से अदा किया जाना स्वंय के हित में है, क्योंकि जैसे जैसे समय गुजरेगा, लिये गये ऋण पर सूद की राशि भी बढ़ती जायेगी. इसी सलाह के साथ इस मामले को तो समाप्त कर दिया गया. लेकिन शाखा प्रबंधक के सुनवाई में भाग लेने के कारण उनसे जवाब मांगा गया है.
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