गोगरी : नोटबंदी का प्रभाव खेती पर पड़ने लगा है. बाजार में रुपयों की कमी से धान कटनी प्रभावित होने लगा है. वासुदेवपुर पंचायत के किसान कार्तिक यादव ने बताया कि अभी खेतीहर मजदूर अनाज के बदले मजदूरी में रुपये में लेना पसंद करते हैं. जो लोग नकद भुगतान कर रहे हैं. मजदूर उनके खेतों में काम करने लगे हैं.
बन्देहरा के किसान सह सरपंच गांधी यादव ने बताया कि कैश के अभाव में धान कटनी बंद हो गयी है. घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद से दो हजार रुपये की ही निकासी हो रही है. शेरचकला पंचायत के किसान मिथिलेश कुमार ने बताया कि नोटबंदी से धान कटनी और खेतों से धान का उठाव प्रभावित हुआ है.