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हुजूर! आठ वर्षों से नहीं मिली छात्रवृत्ति की राशि

अलौली : विद्यालय में नामांकित 780 बच्चों को पढ़ाने के लिये मात्र चार शिक्षक. जिसमें से दो ही विद्यालय में मौजूद रहते हैं. प्रधानाध्यापक के घर पर से सारा काम होता है. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि पढ़ाई कैसी होती होगी. यह हालात अलौली के मध्य विद्यालय मछड़ा में है. ना छात्रवृति और […]

अलौली : विद्यालय में नामांकित 780 बच्चों को पढ़ाने के लिये मात्र चार शिक्षक. जिसमें से दो ही विद्यालय में मौजूद रहते हैं. प्रधानाध्यापक के घर पर से सारा काम होता है. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि पढ़ाई कैसी होती होगी. यह हालात अलौली के मध्य विद्यालय मछड़ा में है. ना छात्रवृति और ना ही पोशाक राशि. दूसरी योजनाओं का हाल ही मत पूछिये.

स्कूल की कुव्यवस्था का आलम यह है कि विद्यालय में नामांकित 780 बच्चों के विरुद्ध सोमवार को मात्र 50 बच्चे ही मौजूद पाये गये. यह खुलासा अलौली सीओ राजीव रंजन कुमार के निरीक्षण के दौरान हुआ है. सीओ ने भी माना कि विद्यालय की व्यवस्था ठीक नहीं है. पूरी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जायेगी.
आठ वर्षों में मात्र दो बार मिली पोशाक राशि: सीओ के निरीक्षण के दौरान बच्चों ने कहा कि आठ वर्षों में मात्र दो बार पोशाक राशि मिला है. छात्रवृति तो मिला ही नहीं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतने दिनों तक शिक्षा विभाग के अधिकारी कहां सोये हुए थे. आखिर उपयोगिता प्रमाण पत्र कहां से आया और इसकी जांच क्यों नहीं की गयी. ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में होना लाजिमी है. मध्य विद्यालय मछड़ा दो कमरे में ही एक से आठ वर्ग तक की पढाई होती है. एक कक्ष में एक से तीन वर्ग के तो दूसरे कक्ष में चार से आठ वर्ग की पढाई होती है. पढ़ाने के लिये दो शिक्षक. ऐसे में सवाल उठता है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को क्या पढ़ाया जाता होगा.
सीओ के समक्ष ग्रामीणों ने खोला पोल : सोमवार को जब अंचलाधिकारी राजीव रंजन कुमार श्रीवास्तव ने स्कूल निरीक्षण क्रम में छात्रों की स्थिति को देखा तो भौचक्क रह गये. वहीं उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में चार शिक्षक हैं. जिसमें प्रधानाध्यापक संजीता कुमारी यदा कदा ही आकर सभी दिन की उपस्थिति बनाती है. शिक्षक मुकेश कुमार एवं रंधीर कुमार निराला द्वारा स्कूल संचालित होता है. बताया गया कि स्कूल में छात्रों की उपस्थिति नहीं बनती है. स्कूल की सारी पंजी प्रधानाध्यापक के घर पर ही रहता है. स्कूल में नामांकित 780 छात्रों में 50 छात्र की उपस्थिति बमुश्किल से पाया गया.
चार शिक्षक के कंधे पर 780 छात्रों का भविष्य, मध्य विद्यालय मछड़ा में पठन-पाठन रामभरोसे
सीओ के निरीक्षण के दौरान खुली कुव्यवस्था की पोल, मात्र 50 बच्चे की मिले उपस्थित
स्कूल की पंजी प्रधानाध्यापक के घर पर, छात्रों ने कहा आठ वर्ष में दो बार मिली पोशाक राशि
छात्रों ने कहा, छात्रवृति भी नहीं मिला और पठन-पाठन की स्थिति भी ठीक नहीं
कुव्यवस्था की कहानी… छात्रों की जुबानी
स्कूल की छात्रा रीमा कुमारी, अमृता कुमारी, निशा कुमारी आदि ने बताया कि इस स्कूल में छात्रवृत्ति राशि नहीं मिलता है. आठ वर्ष में मात्र दो बार ही पोशाक राशि मिली है. भोजन मेन्यू का पालन नहीं होता है. छ: रसोइया में पांच रसोइया उपस्थित थीं. सीओ ने बताया कि निरीक्षण में कई अनियमितता सामने आयी है. वहीं स्कूल परिसर में दो आगंनबाड़ी केंद्र भवन बना है. जिसमें केंद्र का संचालन शुरू नहीं हो पाया है.

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