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नहीं सुधर रही अलौली पीएचसी की स्थिति

खगड़िया : अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बदल गये लेकिन हालात नहीं बदल पाये हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की मनमानी… प्रतिनियुक्ति के खेल… ड्यूटी से गायब रहने जैसी समस्याओं से जूझते अलौली के विभिन्न अस्पतालों में सुधार के लिये तुरंत व कड़े कदम उठाये जाने की जरूरत महसूस की जा रही है. कहा जाता […]

खगड़िया : अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बदल गये लेकिन हालात नहीं बदल पाये हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की मनमानी… प्रतिनियुक्ति के खेल… ड्यूटी से गायब रहने जैसी समस्याओं से जूझते अलौली के विभिन्न अस्पतालों में सुधार के लिये तुरंत व कड़े कदम उठाये जाने की जरूरत महसूस की जा रही है.

कहा जाता है कि पूर्व प्रभारी डॉ आएन चौधरी के कार्यकाल के दौरान अलौली अस्पताल के बदतर हालात को देखते हुए डॉ संजीव कुमार को पीएचसी का प्रभार सौंपा गया था. उस वक्त उम्मीद की गयी थी कि शायद स्थिति में परिवर्तन आयेगा. लेकिन धीरे-धीरे पीएचसी की स्थिति पहले वाली हो गयी है.

पीएचसी प्रभारी डॉ संजीव कुमार की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अलौली में रहना मुनासिब नहीं समझते हैं. जब प्रभारी ही नहीं रहेंगे तो दूसरे कर्मचारियों को कौन पूछने वाला है. नतीजतन, 12 बजे लेट नहीं दो बजे भेंट नहीं की तर्ज पर अलौली पीएचसी सहित इलाके के अन्य अस्पतालों में काम निबटाया जा रहा है.

प्रतिनियुक्ति के खेल में प्रतिरक्षण पर ग्रहण
बताया जाता है कि हेल्थ सब सेंटर मोहराघाट में इन दिनों ताला लटक रहा है. लिहाजा इस उपकेन्द्र के अधीन इलाकों में प्रतिरक्षण से लेकर दूसरी स्वास्थ्य सेवा ठप पड़ी हुई है. पंचायत समिति सदस्य शैलेन्द्र साह ने बताया कि उपकेंद्र में तैनात एएनएम सरिता कुमारी की अलौली पीएचसी में तैनाती किये जाने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि एक ओर स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी जितेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा स्वास्थ्यकमिर्यों की प्रतिनियुक्ति करके भी आरआई/प्रतिरक्षण जैसे कार्यक्रमों को सुचारु रूप से चलाने का निर्देश दे रहे हैं .
वहीं दूसरी ओर खगड़िया के अलौली में तैनात कर्मचारी की दूसरी जगह तैनात किये जाने के कारण यह कार्यक्रम ठप पड़ा हुआ है. ऐसे हालात अन्य हेल्थ सब सेंटर के भी हैं.
लेखापाल से मांगा स्पष्टीकरण
अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़े पैमाने पर पकड़ी गयी वित्तीय अनियमितता में लेखापाल से स्पष्टीकरण तलब करते हुए तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है. पूरी गड़बड़ी सिविल सर्जन द्वारा पीएचसी के निरीक्षण के दौरान पकड़ में आया. जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित स्वास्थ्य से जुड़े अन्य कार्यों के क्रियान्वयन में लाखों की हेराफेरी सामने आयी है. पूरा मामले में अलौली पीएचसी में तैनात एकाउंटेंट चेतन शर्मा की संदिग्ध भूमिका है. इतना ही नहीं रोगी कल्याण समिति द्वारा खर्च की गयी राशि का कोई हिसाब किताब पीएचसी में उपलब्ध नहीं है.
वहीं रोकड़ पंजी में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी का खुलासा हुआ है. बताया जाता है कि पूर्व पीएचसी प्रभारी, लेखापाल सह बीएचएम आदि की मिलीभगत से कागज पर ही राशि खर्च दिखा कर गोलमाल किया गया. हालांकि लेखपाल श्री शर्मा ने किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता से इनकार किया है.
फोन नहीं उठा रहे पीएचसी प्रभारी
अलौली पीएचसी सहित प्रखंड के अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में बदतर हालात सहित अन्य समस्याओं के बारे में पूछने के लिये फोन करने पर पीएचसी प्रभारी डॉ संजीव कुमार ने कॉल रिसीव नहीं किया. जिसके कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पीएचसी प्रभारी को सरकारी मोबाइल नंबर क्यों दिया गया है? क्या वह नाम, पद व नंबर देख कर फोन रिसीव करते हैं? ऐसे में आपातकालीन स्थिति में पीएचसी प्रभारी के रवैये से कभी लेनी की देनी पड़ सकती है.
हर जरूरतमंद को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में कोताही बरतने का सवाल ही नहीं है. मोहरघाट मामले की जानकारी ली जा रही है. अगर वहां प्रतिरक्षण जैसे कार्यक्रम बंद हैं तो इसके लिये तुरंत ही आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. ड्यूटी से गायब रहने व सरकारी राशि की हेराफेरी करने वाले चाहे जो भी हो कार्रवाई तय है.
डॉ अरुण कुमार सिंह, सिविल सर्जन.
अलौली पीएचसी से लेकर इलाके के दूसरे सरकारी अस्पतालों में स्थिति दयनीय रहने के कारण बेहतर स्वास्थ्य सेवा के दावे पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो रहा है. मोहराघाट स्वास्थ्य उपकेंद्र में तैनात एएनएम सरिता कुमारी की प्रतिनियुक्ति पीएचसी में कर दिये जाने के कारण वहां ताला लटका हुआ है. सरकारी कार्यक्रम ठप हैं. कागज पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन व आंकड़ेबाजी के खेल में अलौली प्रखंड में सरकारी स्वास्थ्य सेवा चरमरा गयी है. लेकिन इस दिशा में कदम नहीं उठाया जाना कई सवाल खड़े कर रहे हैं.
शैलेन्द्र साह, पंचायत समिति सदस्य, मोहराघाट.
मनमानी… प्रतिनियुक्ति… ड्यूटी से गायब रहने जैसी समस्याओं से जूझ रहा अलौली अस्पताल
चिकित्सा प्रभारी पद पर नये चिकित्सक की तैनाती के बाद भी पीएचसी की व्यवस्था में सुधार नहीं
मोहराघाट सब हेल्थ सेंटर में लटक रहा ताला, आरआई जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर लगा ग्रहण
एचएससी मोहराघाट में पदस्थापित एएनएम के अलौली पीएचसी में प्रतिनियुक्ति के पीछे क्या है राज
सिविल सर्जन द्वारा अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान ड्यूटी से गायब मिले कई स्वास्थ्यकर्मी
पीएचसी प्रभारी के स्थायी रूप से अलौली पीएचसी में नहीं रहने से स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
पीएचसी के बीएचएम सह लेखापाल की मिलीभगत से लाखों की सरकारी राशि का कर लिया गया बंदरबांट

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