कार्रवाई. स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्ति रद्द करने की तैयारी शुरू
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पूर्व स्थान पर जायेंगे कर्मी
कार्रवाई. स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्ति रद्द करने की तैयारी शुरू प्रधान सचिव आरके महाजन द्वारा स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश के अनुपालन की तैयारी शुरू कर दी गयी है. प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद सिविल सर्जन ने जल्द ही इस दिशा में कदम उठाने के संकेत दिये हैं. जिसके […]
प्रधान सचिव आरके महाजन द्वारा स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश के अनुपालन की तैयारी शुरू कर दी गयी है. प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद सिविल सर्जन ने जल्द ही इस दिशा में कदम उठाने के संकेत दिये हैं. जिसके बाद प्रतिनियुक्ति करवा कर घर बैठे ड्यूटी करने वाले कर्मियों सहित चिकित्सकों में हड़कंप व्याप्त है.
खगड़िया : जल्द ही स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को मूल स्थान पर योगदान करना पड़ सकता है. पूरे प्रकरण पर हाईकोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए प्रधान सचिव ने स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्त रद्द करते हुए सभी जिलों के डीएम व सिविल सर्जन को इसके अनुपालन का निर्देश दिया है. इसके आलोक में खगड़िया स्वास्थ्य विभाग में भी प्रतिनियुक्ति रद्द करने की दिशा में कवायद तेज कर दी गयी है. जल्द ही पूरे मामले में कार्रवाई के लिये बैठक बुलाई जा सकती है. जिसमें प्रतिनियुक्ति रद्द करने की फाइल पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है. पूरे प्रकरण पर प्रभात खबर में समाचार छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग हड़कत में आ गया है.
सचिव के आदेश के बाद भी चल रहा प्रतिनियुक्ति का खेल : स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन सचिव 01.07. 2015 को जिला स्तर पर की गयी सभी प्रकार की प्रतिनियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया था. साथ ही भविष्य में बिना राज्य सरकार की अनुमति के किये गये प्रतिनियुक्ति को अवैध करार दिया था. लेकिन सूत्रों की मानें तो खगड़िया में सचिव के आदेश के इतर दर्जनों स्वास्थ्य कर्मी अभी भी बिना किसी औचित्य के प्रतिनियुक्ति का खेल चलता रहा.
सूत्रों की मानें तो प्रतिनियुक्ति के खेल के पीछे परदे के पीछे पैसों मुख्यालय के आदेशानुसार यदि किसी चिकित्सक/कर्मी को जनहित में प्रतिनियुक्त आवश्यक है तो सात दिनों के अंदर कारण सहित प्रस्ताव भेजा जाये ताकि यह प्रस्ताव सरकार को भेज कर अनुमति ली जा सके. निर्धारित अवधि में प्रस्ताव नहीं मिलने पर यह माना जायेगा कि वहां प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता नहीं है. लेकिन खगड़िया में सचिव के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. एक बार फिर प्रधान सचिव के आदेश के बाद प्रतिनियुक्ति रद्द होने की प्रबल संभावना जतायी जा रही है.
प्रधान सचिव के निर्देशानुसार प्रतिनियुक्ति रद्द करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जायेगी. पूरे प्रकरण को लेकर जल्द ही बैठक बुलाकर विचार विमर्श कर अगला कदम उठाया जायेगा.
डॉ अरुण कुमार सिंह, सिविल सर्जन.
बिना मुख्यालय की अनुमति के प्रतिनियुक्ति अवैध
प्रधान सचिव श्री महाजन ने हाईकोर्ट में दायर याचिका पर लिये गये संज्ञान का हवाला देते हुए बिना मुख्यालय की अनुमति के जिला स्तर पर की गयी प्रतिनियुक्ति को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया है. पटना उच्च न्यायालय में याचिका संख्या सीडब्लूजेसी (6455/2016) ब्रज भूषण शर्मा बनाम बिहार सरकार एवं अन्य में निर्देश दिये जाने के बाद प्रधान सचिव श्री महाजन ने सभी आयुक्त, डीएम, क्षेत्रीय स्वास्थ्य उपनिदेशक, सिविल सर्जन को आवश्यक कार्रवाई के लिये पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि भविष्य में बिना सरकार की अनुमति प्राप्त किये किसी भी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी की प्रतिनियुक्ति नहीं किया जाये. अगर प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता हो तो पूर्ण औचित्य के साथ विभाग को प्रस्ताव भेजा जाये ताकि उस पर विभाग के स्तर से समुचित निर्णय लिया जा सके.
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