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कोसी के जलस्तर में वृद्धि से धड़कन तेज

परेशानी. जुगाड़ पुल पर मंडरा रहा खतरा, डुमरी पुल मरम्मत पर भी लगेगा ब्रेक कोसी के जलस्तर में वृद्धि से लाखों की आबादी के आवागमन पर संकट मंडरा रहा है. इस प्रकार की विपदा हर वर्ष कोसी वासी झेल रहे हैं. बरसों से डुमरी पुल पर आवागमन बंद रहने के बाद जुगाड़ पुल बना कर […]

परेशानी. जुगाड़ पुल पर मंडरा रहा खतरा, डुमरी पुल मरम्मत पर भी लगेगा ब्रेक

कोसी के जलस्तर में वृद्धि से लाखों की आबादी के आवागमन पर संकट मंडरा रहा है. इस प्रकार की विपदा हर वर्ष कोसी वासी झेल रहे हैं. बरसों से डुमरी पुल पर आवागमन बंद रहने के बाद जुगाड़ पुल बना कर आवाजाही हो रही है. कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी से जुगाड़ पुल बंद होने के कगार पर है और इससे प्रशासन की नींद उड़ी हुई है.
खगड़िया/बेलदौर : जुगाड़ पुल के एप्रोच पथ पर बन रहे पानी के दबाव से कोसीवासियों के आवागमन पर संकट मंडरा रहा है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जुगाड़ पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. कहा जा रहा है कि कोसी के जलस्तर में वृद्धि से जल्द ही जुगाड़ पुल से हो रहे आवागमन पर ब्रेक लग सकता है.
इतना ही नहीं डुमरी पुल के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मति पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इधर, नाव पुल संचालक भी जलस्तर मे बढ़ोतरी देख जैसे तैसे एप्रोच पथ को बचाने को बचाने में जुटे हुए हैं. कुल मिला कर कोसी की कृपा पर जुगाड़ पुल की जिंदगी निर्भर है.
जलस्तर में बढ़ोतरी एवं जुगाड़ पुल पर संभावित खतरों के बाबत अधिकारी पल-पल की स्थिति पर नजर रखने का दावा कर रहे हैं. बीडीओ अमरेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि मंगलवार की रात जुगाड़ पुल का जायजा लिया जायेगा. जलस्तर एवं जुगाड़ पुल के एप्रोच पथ की स्थिति से अवगत होकर खतरे को देखते हुए परिचालन बंद भी कराया जा सकता है.
जुगाड़ पुल कितना सुरक्षित
नाविकों द्वारा दो भाग में बनाये गये जुगाड़ पुल के बीच बने लगभग 250 फीट रेत के एप्रोच पथ पर लगातार पानी का दबाब बढ़ता जा रहा है. इसके बचाव कार्य के लिए बिछाये गये सैडबैग भी पानी में डूब गये हैं. एप्रोच पथ समीप पानी का बहाव अवरूद्ध हो जाने से खतरा बढ़ गया है. इसके अलावे पुल के आसपास पानी फैल जाने से नाविकों द्वारा किये जा रहे प्रयास भी विफल साबित हो रहे हैं. जलस्तर में एक से डेढ़ फीट की बढ़ोतरी होने पर पानी एप्रोच पथ के उपर से बहने लगेगा.
हालांकि लगातार खतरों के बाबजूद नाविक समेत आमलोग कुछ दिन और जुगाड़ पुल पर आवागमन होने की आस लगाये हुए हैं. वहीं अधिकारियों द्वारा भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है. बता दें कि 23 मई 2015 को जुगाड़ पुल पर हो रहे परिचालन को बंद करवा दिया गया था. इसके दूसरे ही दिन कोसी की तेज धारा में एप्रोच पथ बह गया था.
डुमरी पुल के मरम्मत कार्य भी आयेगी आफत
डुमरी पुल के मरम्मति कार्य को लेकर कराये जा रहे वेल फाउंडेशन के कार्य पर ग्रहण लग सकता है. नदी के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी के कारण डुमरी पुल के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मति पर भी आफत है. हालांकि पहले पाया की लगभग 35 मीटर गलाई हो चुकी है, जबकि दूसरे पाये के लिए लगभग 42 मीटर तक कुआं का कार्य पूरा कर लिया गया है.
कार्य एजेसी के प्रोजेक्ट मेनेजर केके रंजन ने बताया कि कोसी मैया की कृपा रही तो एक सप्ताह के अंदर दूसरे पाये के निर्धारित 49.3 मीटर तक कुआं का कार्य पूरा कर लिया जायेगा. अगर ऐसा नहीं हो पाया तो बीच में ही काम बंद करना पड़ेगा.

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