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गोलमाल. एएनएम की ट्रेनिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

ट्रेनिंग में हेराफेरी उजागर स्वास्थ्य विभाग में चल रहे कार्यक्रमों में हेराफेरी कर सरकार को चूना लगाने का सिलसिला जारी है. पहले पोषण पुनर्वास केंद्र मंे फर्जीवाड़ा के बाद अब एएनएम को दिये जाने वाले आवासीय ट्रेनिंग में धांधली उजागर हुआ है. सीएस के निरीक्षण मंे गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद कार्रवाई से बचने के […]

ट्रेनिंग में हेराफेरी उजागर

स्वास्थ्य विभाग में चल रहे कार्यक्रमों में हेराफेरी कर सरकार को चूना लगाने का सिलसिला जारी है. पहले पोषण पुनर्वास केंद्र मंे फर्जीवाड़ा के बाद अब एएनएम को दिये जाने वाले आवासीय ट्रेनिंग में धांधली उजागर हुआ है. सीएस के निरीक्षण मंे गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद कार्रवाई से बचने के लिये तिकड़म का दौर भी शुरू हो गया.
पूरे मामले मंे कार्य में लापरवाही बतरने वाले डीएचएस के अधिकारी कौशलेन्द्र कुमार से स्पष्टीकरण पूछे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग खासकर जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में खलबली मची हुई है. कार्रवाई से बचने के लिये जुगत लगाने का दौर शुरू हो चुका है लेकिन सीएस ने कार्रवाई की प्रतिलिपि डीएम को भेज कर कड़ी कार्रवाई की मंशा जता दी है.
खगड़िया : अब एएनएम के आवासीय ट्रेनिंग में धांधली के खुलासा बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है. पूरी गड़बड़ी सिविल सर्जन डॉ रासबिहारी सिंह ने खुद पकड़ी है, सो कार्रवाई तय माना जा रहा है. बुधवार को सदर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान ट्रेनिंग की लचर व्यवस्था देख सीएस भौचक्क रह गये.
प्रशिक्षक के बिना प्रशिक्षण के नाम पेपर खानापूर्ति करने मंे कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया था. नियम को ताक पर रख कर दो बैच एएनएम को एक साथ ही बिना प्रशिक्षक के कैसा ट्रेनिंग दिया जा रहा था इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. रात के वक्त कोई एएनएम मौके पर मौजूद तो नहीं रहती है
लेकिन खाना के रजिस्टर मंे फर्जी हाजिरी दर्ज कर सरकारी राशि की हेराफेरी जरूर की जाती है. पूरे मामले मंे सिविल सर्जन डॉ सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जिला स्वास्थ्य समिति के डीएम एंड ई कौशलेन्द्र कुमार से स्पष्टीकरण तलब करते हुए तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है. साथ ही निरीक्षण के दौरान पायी गयी खामियों के साथ कार्रवाई की प्रतिलिपि डीएम को भेजे जाने की खबर है.
ट्रेनिंग करवा रहे
हैं या खेल ?
सदर अस्पताल परिसर में 21 दिनों का एसबीए प्रशिक्षण चल रहा है. काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस प्रशिक्षण में दो बैच में छह छह एएनएम को प्रसव चिकित्सा के बारे में गहन ट्रेनिंग देना है. लेकिन यहां तो प्रशिक्षण ही गायब हैं तो ट्रेनिंग किस बात का . कुछ ऐसी ही चल रहे आवासीय ट्रेनिंग में एएनएम क्या सीख रही होंगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
ट्रेनिंग की स्थिति ऐसी है कि रात मंे मौके पर कोई मौजूद मिल जाये तो गनीमत है. जबकि सदर अस्पताल मंे रहने से लेकर खाना पीना की व्यवस्था की गयी है. बिना ट्रेनिंग पाये यही एएनएम कल सरकारी अस्पताल मंे प्रसव का भार संभालने वाली हैं. ऐसे में आगे के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी.

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