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बच्चों को नदी में जाने से रोका क्याें नहीं

विभिन्न नदी घाटों पर प्रशासनिक व्यवस्था के दावे की दर्दनाक हादसे ने खोली पोल पीएम छात्रावास प्रबंधन ने विसर्जन के दौरान बच्चों को नदी में जाने से क्यों नहीं रोका? घटना में बाल-बाल बचे तीन बच्चों ने सुनायी दर्दनाक हादसे की कहानी घटना के बाद सदर अस्पताल में परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन मृत […]

विभिन्न नदी घाटों पर प्रशासनिक व्यवस्था के दावे की दर्दनाक हादसे ने खोली पोल

पीएम छात्रावास प्रबंधन ने विसर्जन के दौरान बच्चों को नदी में जाने से क्यों नहीं रोका?
घटना में बाल-बाल बचे तीन बच्चों ने सुनायी दर्दनाक हादसे की कहानी
घटना के बाद सदर अस्पताल में परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन
मृत तीनों बालक पीएम छात्रावास में रह कर विभिन्न स्कूलों में करते थे पढ़ाई
घटना देख चिल्लाने पर स्थानीय लोगों ने नदी में कूद कर तीन बच्चों को डूबने से बचाया
खगड़िया : किसी को क्या पता था कि अचानक सरस्वती पूजा की खुशी मातम में बदल जायेगी. पीएम छात्रावास में रह कर विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले मासूम बच्चे तो मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर प्रतिमा विसर्जन करने के लिए नाचते गाते गंडक नदी किनारे पहुंचे थे. पर, पल भर में ही सारी खुशियां मातम में बदल गयीं. इसी दौरान नगर थाना क्षेत्र के अघोरी स्थान समीप बूढ़ी गंडक में तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गयी. घटना बाद जिला प्रशासन ने भले ही चार-चार लाख रुपये मुआवजा दे दिया हो, लेकिन इस घटना ने जो जख्म तीनों बच्चों के परिजनों को दिया है वह ताउम्र शायद ही भर सके.
इन सारे घटनाक्रम के बीच सवाल उठता है कि आखिर छोटे-छोटे बच्चे को विसर्जन के लिए नदी में जाने की इजाजत किसने दी? प्रतिमा विसर्जन के दौरान वहां मौजूद छात्रावास प्रबंधन को पता था कि नदी में जाना खतरनाक हो सकता है, तो रोका क्यों नहीं? विभिन्न घाटों पर चुस्त-दुरुस्त प्रशासनिक व्यवस्था के दावे के बीच तीन बच्चों की मौत ने पोल खोल कर रख दी है.
बताया जाता है कि मूर्ति विसर्जन के दौरान गंडक नदी किनारे पहुंचने वालों में अधिकांश छात्र हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करते हैं. सभी मृत छात्र पीएम छात्रावास में रह कर पढ़ते थे और छात्रावास में ही धूमधाम से सरस्वती पूजा का आयोजन किया था. बता दें कि बेलदौर थाना क्षेत्र के महिनाथ नगर निवासी शिव शंकर यादव का पुत्र सौरभ कुमार उर्फ छोटू, परबत्ता थाना क्षेत्र के लौनियां चक निवासी रामानारायण कुंवर का पुत्र आदर्श कुमार तथा मानसी थाना क्षेत्र के एकनियां गांव निवासी अभिनंदन कुमार का पुत्र अमन राज सहित दो दर्जन छात्र प्रतिमा विसर्जन करने के लिए अघोरी स्थान स्थित घाट पर गये हुए थे, जहां बड़ी दुर्घटना हो गयी.
महिनाथनगर के मुखिया का इकलौता पुत्र था सौरभ
बेलदौर थाना क्षेत्र के महिनाथ नगर पंचायत के मुखिया शिव शंकर यादव का पुत्र सौरभ कुमार पीएम छात्रावास में रहकर डीएवी पब्लिक स्कूल में छठवीं कक्षा में पढ़ता था. मृत बच्चा अपनी पांच बहनों में अकेला भाई था. सभी बहनें अपने इकलौते भाई के मरने की सूचना पर रो-रो कर बेहाल थीं.
बेटे का शव देख बेहोश हो गयीं आदर्श की मां
देश की सीमा पर सुरक्षा कर रहे रामनारायण कुंवर को पता भी नहीं होगा कि उनके घर का चिराग रविवार को बुझ जायेगा. आदर्श का शव देख मां बेहोश होकर गिर गयीं. होश में आते ही अपने लाल के शव से लिपट कर रोती हुई सिर्फ इतना ही कह रही थीं कि कोई मेरे बेटे को वापस ला दो.
प्रधानाध्यापक का पुत्र था अमन
मध्य विद्यालय बन्नी मुहसरी में प्रधानाध्यापक अभिनंदन ठाकुर अपने पुत्र अमन को डॉक्टर बनाने की तमन्ना को लेकर डीएवी पब्लिक स्कूल में दाखिला कराया था. उन्हें क्या मालूम था कि उनकी तमन्ना धरी की धरी रह जायेगी. प्रतिमा विसर्जन के दौरान डूबने से मौत के आगोश में समाये अमन की मौत की खबर के बाद पिता के आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे.
अब किसको खिलायेंगे पुआ-पकवान
मृत अमन की मां डेजी देवी गुमसुम बदहवास सी हो गयी थीं. उन्होंने बिलखते हुए कहा कि वह तो अपने दुलारा अमन के लिए पीएम छात्रावास में पुआ- पकवान तथा मिठाई लेकर जाने वाली थीं. अब किसे खिलायेंगी पुआ-पकवान. पति द्वारा पुत्र के मरने की भी बात कहने पर डेजी के आंखों से एक बूंद आंसू गिरते नहीं देख सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने डेजी देवी का आवश्यक उपचार किया.
तीनों छात्रों के शव को सदर अस्पताल लाया गया. देखते ही देखते सदर अस्पताल में मृत बच्चों के परिजनों व स्थानीय लोगों की काफी भीड़ जमा हो गयी. मौके पर मासूम बच्चों का शव देख परिजनों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. चारों और चीत्कार से सदर अस्पताल का माहौल गमगीन हो गया था.
घटना दुखद है. मृत बच्चों के परिजनों को आपदा राहत कोष व पारिवारिक लाभ योजना के तहत 4.20 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दिया गया है.
शिव कुमार शैव, सदर एसडीओ

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