कई बैंकों का सीडी अनुपात है काफी कम
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डिपॉजिट के अनुरूप ऋण नहीं बांटते बैंक
कई बैंकों का सीडी अनुपात है काफी कम खगड़िया : जिले के कई बैंक डिपॉजिट के अनुरूप ऋण नहीं बांटते हैं. अगर यह कहा जाये कि डिपॉजिट लेने में कई बैंक आगे रहते हैं, लेकिन डिपॉजिट के सापेक्ष ऋण वितरण करने में पीछे रहते हैं तो गलत नहीं होगा. जिले में कई बैंकों का सीडी […]
खगड़िया : जिले के कई बैंक डिपॉजिट के अनुरूप ऋण नहीं बांटते हैं. अगर यह कहा जाये कि डिपॉजिट लेने में कई बैंक आगे रहते हैं, लेकिन डिपॉजिट के सापेक्ष ऋण वितरण करने में पीछे रहते हैं तो गलत नहीं होगा. जिले में कई बैंकों का सीडी अनुपात कम है, जबकि ऐसे बैंकों के पास बहुत ज्यादा डिपॉजिट है. मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी बैंक को प्राप्त डिपॉजिट का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा ऋण के रूप में वितरण करना होता है.
पर, जिले के बैकों की जो स्थिति है, वह काफी कम है. हाल के ही दिनों में जिला स्तर पर हुई समीक्षा में यह बातें सामने आयी हैं कि इंडियन बैंक, यूनाइटेड बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक तथा पंजाब नेशनल बैंक का सीडी अनुपात 21 प्रतिशत से कम है. एसबीआइ, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया का सीडी अनुपात 35 प्रतिशत से कम है. इसी तरह यूनियन बैंक का सीडी अनुपात इससे थोड़ा अधिक 36.16 प्रतिशत है. इन सभी बैंकों का निर्धारित लक्ष्य यानी 40 प्रतिशत से कम है.
हालांकि बिहार ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आइसीआइसीआइ, सेंट्रल बैंक, आइडीबीआइ, एचडीएफसी तथा कोऑपरेटिव बैंक का सीडी अनुपात अच्छा है.
पैरवी पर मिलता है डिपॉजिट : जिले के 95 शाखाओं में 182911.08 लाख रुपये जमा हैं. इसके विरुद्ध 106516.43 लाख रुपये ऋण के रूप में वितरण किये गये है. कुल जमा राशि का करीब 20 से 25 प्रतिशत सरकारी है, जो विभिन्न बैंकों की शाखाओं में जमा है. बैंक सूत्रों की मानें तो सरकारी राशि बैंकों के प्रदर्शन पर कम, पैरवी पर अधिक बैंकों में जमा होते हैं.
बिहार ग्रामीण बैंक जिला समन्वयक आरएस जैन सहित कुछ अन्य शाखा प्रबंधकों की मानें, तो जिला स्तर पर आयोजित डीएलसीसी की बैठक में प्राय: यह मामला उठता रहा है. सीडी अनुपात एवं एसीपी के अनुरूप ही सरकारी डिपॉजिट बैंकों को दिये जायें, इसकी वकालत हर बार बैठकों में की जाती रही है. पर, स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.
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