अलौली : फर्जी प्रसव की आशंका के बाद गठित टीम की जांच में घर पर हुए प्रसव की इंट्री अस्पताल में किये जाने का खुलासा हुआ है. सूत्रों की मानें, तो सिविल सर्जन के निरीक्षण के दौरान जिन पांच प्रसव पर फर्जीवाड़े की आशंका जतायी गयी थी.
इसमें मुजौना निवासी विद्यासागर यादव की पत्नी महारानी कुमारी, बुढ़वा पड़री के राधे यादव की पुत्री पवन देवी, हरिपुर बाजार के विकास केशरी की पत्नी रेणु देवी, मछड़ा डीह के मंटून राय की पत्नी डोमनी देवी, नया टोला हरिपुर के मो वसीम की पत्नी मनीषा खातून शामिल हैं. जांच के क्रम में दो प्रसव मनीषा खातून एवं डोमनी देवी का प्रसव घर पर होने के बाद अस्पताल में इंट्री की बात कही जा रही है. इस पूरे खेल में संबंधित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध बतायी गयी है.
एपीएचसी में हुए सभी प्रसव की हो रही जांच अलौली पीएचसी के अलावा अतिरिक्त पीएचसी हरिपुर एवं बहादुरपुर में अब तक हुए प्रसव की सत्यता की जांच के क्रम में कई खुलासे हो सकते हैं. बता दें कि सात दिसंबर को अतिरिक्त पीएचसी हरिपुर का सिविल सर्जन डॉ रास बिहारी सिंह ने निरीक्षण के क्रम में फर्जी प्रसव का खेल पकड़ा था. इसके बाद हेल्थ एजुकेटर राम सज्जन यादव व राम हिलीश चौधरी की संयुक्त टीम का गठन कर प्रसव की जांच का निर्देश दिया गया था.
सीएस के निर्देश पर जांच के दौरान गड़बड़ी के खेल का खुलासा हुआ है. हेल्थ एजुकेटर राम हिलीश चौधरी ने बताया कि एक सप्ताह का जांच प्रतिवेदन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सौंप दिया गया है. पांच में एक फर्जी का मामला है. दूसरा संदेह के घेरे में है, क्योंकि प्रसव के बाद महिला को बाहर भेज दिया गया है. साथ ही पूछताछ में कई विरोधाभासी बातें सामने आने से फर्जीवाड़े की आशंका है.