परबत्ता : प्रखंड के दक्षिणी छोर पर स्थित अगुवानी सुलतानगंज घाट के बीच बनाये जा रहे फोर लेन गंगा पुल के निर्माण में भूमि अधिग्रहण से संबंधित बाधा को दूर करने की दिशा में अंचल प्रशासन द्वारा पहल शुरू कर दी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार अंचल अधिकारी परबत्ता ने संबंधित भूधारियों को नोटिस देकर अपने कागजात प्रस्तुत करने का नोटिस भिजवाया है.
अंचल अधिकारी परबत्ता ने मौजा तेमथा पटपर के खेसरा संख्या 554,555,556,557,559 तथा मौजा तेमथा करारी का खेसरा संख्या 1009,1018, 1019,1022 के भूधारी अमोल चन्द्र कुमार,सुमन हजारी,सत्यदेव नारायण मिश्र, प्रिंस पप्पू, शिवनन्दन हजारी, प्रभाष मिश्र,राजेन्द्र मिश्र,इन्द्रदेव मिश्र, विष्णुदेव मिश्र,ललन मिश्र,विपिन बिहारी, हरिशंकर मिश्र,सुधेश हजारी, प्रमोद हजारी, रंजीत हजारी,प्रवीण हजारी,ब्रजेश हजारी, अनिल चौधरी,अशोक चौधरी,उपेन्द्र चौधरी, विभा देवी,वासुदेव चौधरी, विभाष चौधरी, राजीव चौधरी,अभिनंदन चौधरी को नोटिस किया है.
नोटिस के अनुसार वर्णित खेसरा की जमीन को बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा अधिग्रहण किया जा रहा है.वर्णित भूमि से संबंधित कागजात को 11 दिसंबर तक अंचल निरीक्षक परबत्ता के कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
क्या होगी पुल की विशेषता फोर लेन पुल जिसमें दो- दो लेन का दो अलग-अलग पुल बनेगा गंगा की मुख्यधारा में पीलर की बजाय केबुल पर झूलता हुआ पुल होगा,बीच के दो पिलरों के बीच 125 मीटर की दूरी होगीपुल की कुल लंबाई -3160 मीटर पुल का प्रकार – केबल स्टेड आधारित इन्टेलीजेन्ट ट्रॉफिक प्रणाली पहुंच पथ की लंबाई-25 किलोमीटर डॉल्फिन वैद्यशाला पुल प्रदर्शिनी एवं रेस्ट एरिया प्रकाश प्रणाली व्हेकिल अंडरपास रोटरी ट्रॉफिक 4़4 टॉल प्लाजा पेसेन्जर अंडरपासमहत्वाकांक्षी है यह परियोजनाबिहार सरकार की इस परियोजना को काफी महत्वाकांक्षी माना जाता है.
इस परियोजना की लागत का आरंभिक मूल्यांकन 1710.77 करोड़ किया गया था.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को परबत्ता के एमडी कॉलेज मैदान में इसका शिलान्यास किया था तथा 9 मार्च 2015 को मुरारका कॉलेज सुलतानगंज के मैदान से पुल निर्माण का कार्यारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया.
इस पुल के निर्माण से उत्तर तथा दक्षिण बिहार के बीच का अंतर काफी कम हो जायेगा. इसके अलावा प्रति वर्ष श्रावणी मेला में देवघर जाने वाले लाखों कांवरियों को इससे फायदा होगा. इस पुल तथा सड़क के निर्माण से एनएच 31 तथा एनएच 80 आपस में जुड़ जायेंगे.क्या है मामलादरअसल विगत सप्ताह कुछ किसानों ने बिना भूमि का अधिग्रहण किये तथा बिना मुआवजा लिये अपनी जमीन पर पुल निर्माण के कार्य करने से मना कर दिया था.
पुल निर्माण के लिये चयनित कंपनी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन के अधिकारियों तथा इंजीनियरों ने उस भूमि का विवरण राजस्व विभाग को दिया जिस पर उन्हें कार्य करना था. इन जमीनों को किसानों ने अपना बताते हुए कार्य करने से मना कर दिया था. प्रभात खबर ने इस खबर को सबसे पहले प्रकाशित करते हुए इस ओर अंचल प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया.
मीडिया में खबर के आने के बाद अंचल प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करते हुए सभी संभावित भूधारियों को नोटिस निर्गत किया है. हालांकि पुल निर्माण का काम कभी भी पूर्ण रूप से बाधित नहीं हुआ था लेकिन पीलर संख्या 30 पर काम करने गये एसपी सिंगला के कर्मियों को कार्य करने से रोका गया था.