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नो इंट्री का पालन करने में वाहन चालक को कोई दिलचस्पी नहीं

नो इंट्री का पालन करने में वाहन चालक को कोई दिलचस्पी नहीं खगडि़या.शहर में सामान्य दिनों में भी बाजार आने वालों की काफी भीड़ लगी रहती है. बावजूद इसके शहर में बड़े वाहन इंट्री बेधरक जारी है. जिस कारण यहां हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण जाम का अब तक […]

नो इंट्री का पालन करने में वाहन चालक को कोई दिलचस्पी नहीं खगडि़या.शहर में सामान्य दिनों में भी बाजार आने वालों की काफी भीड़ लगी रहती है. बावजूद इसके शहर में बड़े वाहन इंट्री बेधरक जारी है. जिस कारण यहां हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण जाम का अब तक स्थाई समाधान नहीं निकाला जा सका है. जाम की समस्या से आम लोग व बाजार के दुकानदार हमेशा परेशान होते रहे हैं. हालात यह है कि एक बार जाम हटती नहीं की दोबारा जाम लग जाती है. यहां तक कि जाम को लेकर लागू की गई नो इंट्री का पालन भी सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. बाजार में वाहनों का प्रवेश बेधड़क जारी है. जो बार-बार जाम का कारण बनता है. बताते चलें कि खगडि़या बाजार में जाम की समस्या को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सुबह नौ बजे से रात 9 बजे तक व्यवसायिक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई है. वहीं शहर में बड़े वाहन प्रवेश पर पूर्णत: जिला प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गयी है. इसके बावजूद प्रशासनिक उदासीनता के कारण बाजार में वाहनों का प्रवेश जारी है. यहा तक की नो इंट्री के समय में बाजार में ट्रक आदि लगा सामान लोड व अनलोड होता है जो लोगों को जाम की समस्या को झेलने पर विवश कर देता है. पूर्व में पूर्वी केबीन ढाला पर पुलिस नियुक्त होने के कारण नो इंट्री का पालन लोग करते भी थे. लेकिन पुसिल के हटते ही नो इंट्री का पालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. जाम का क्या है कारण सच पूछा जाये तो जाम लगने का कारण लोग स्वयं बनते हैं. अगर थोड़ा सा धैर्य वाहन चालक बना कर रखे तो जाम की समस्या से पूरा नही तो थोड़ा आराम तो जरूर होगा. बस थोड़ा सा धैर्य रख हम जाम की समस्या को कम कर सकते हैं. बात अगर पूर्वी केबीन ढ़ाला की कि जाये तो जैसे की रेलवे केबीन बंद होता है. वैसे ही वाहन चालक अपने-अपने वाहन को आगे लगाने की होड़ में लग जाते हैं. यहां तक दूसरे साइड से भी वाहन चालक केबीन को पूरी तरह से घेर लेते हैं. तथा जम केबीन खुलता है तो विपरीत दिशा से ही अपने वाहन को निकालने का प्रयास करने लगते हैं. जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. जाम के दुष्परिणाम जाम लगने से लोगों के कई ऐसे जरूरत के कार्यों को नुकसान पहुंचता है. जाम में होने के कारण दर्जनों छात्र-छात्राओं को स्कूल पहुंचने में देरी हो जाती है. जाम में फंसने के कारण गंभीर अवस्था में अस्पताल जाने वाले रोगी को काफी कठिनाइयों का सामना करना पर सकता है. इतना ही नहीं उसकी जान भी जा सकती है. जाम के कारण लोगों को कार्यालय पहंुचने में देर हो जाती है. ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि थोड़ा धैर्य रख कर ऐसे गंभीर समस्या को समझे. तभी हम जाम की समस्या को उत्पन्न होने से रोक पायेंगे. सर्वाधिक परेशानी माल गोदाम रोड मेंजाम से सर्वाधिक परेशानी माल गोदाम रोड में होती है. क्योंकि सड़क पर ही स्टैंड बना कर छोटी व बड़ी वाहनों का पार्किंग किया जाता है. सड़क पर पार्किंग रहने के कारण उक्त मार्ग होकर गुजरने वाले छोटे वाहन, ई रिक्शा तथा बोलेरो व ट्रैक्टर के कारण जाम लग जाती है. पुलिस की व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोगों को स्वयं जाम हटाने का इंतजार करना पड़ता है. कहते हैं एसडीओ एसडीओ शिव कुमार शैव ने बताया कि नो इंट्री का पालन नहीं करने वाले वाहन चालक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. साथ ही अतिक्रमित सड़क को अतिक्रमण से मुक्त कराया जायेगा.

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