आचार संहिता के दौरान दिया आश्वासननियमत: आचार संहिता लागू रहने के दौरान मांगें पूरी करने के आश्वासन देने पर मनाही इधर, डीइओ व डीपीओ ने पांच सूत्री मांगों को पूरा करने का दिया आश्वासनशिक्षा अधिकारियों के आश्वासन मामले पर कार्रवाई की बात पर प्रशासन चुप आश्वासन बाद टूटा था, नियोजित शिक्षकों का अनशन बिना अनुमति के अनशन करने वाले शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज प्रतिनिधि, खगड़ियाआचार संहिता लागू रहने के दौरान मांगे पूरी करने जैसे आश्वासन देने से शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं हिचक रहे हैं. जानकारों की मानें, तो आचार संहिता के दौरान किसी भी प्रकार की मांग पूरी करने का आश्वासन सरकारी विभाग के अधिकारी नहीं दे सकते हैं. यह सरासर आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है. इधर, पूरे घटनाक्रम के बाद प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. जिले में आचार संहिता लागू रहने के बावजूद नियोजित शिक्षकों के पांच सूत्री मांग को पूरा करने का आश्वासन आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं, यह जवाब देने के लिए भी कोई प्रशासनिक अधिकारी तैयार नहीं हैं. इधर, मामला तूल पकड़ने के बाद आश्वासन देने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी के हाथ-पांव फूल रहे हैं. एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आचार संहिता लागू रहने के दौरान किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं दिया जा सकता है. मामला तूल पकड़ने के बाद डीपीओ सुरेश प्रसाद साहू व जिला शिक्षा पदाधिकारी ब्रज किशोर सिंह शिक्षकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन देने से पल्ला झाड़ रहे हैं. वहीं नियोजित शिक्षक संघ के सचिव मनीष कुमार सिंह बताते हैं कि शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा शिक्षकों की मांगे पूरी किये जाने के आश्वासन बाद अनशन समाप्त किया गया है. वेतन भुगतान से लेकर अन्य मांगें पूरी करने का आश्वासन डीपीओ स्थापना व डीइओ ने दिया था. इसके बाद शिक्षकाें का अनशन समाप्त किया गया है. विभागीय सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह के आदेश पर डीपीओ सुरेश प्रसाद साहू ने जूस पिलाकर अनशनकारियों का अनशन समाप्त करवाया था, जबकि आचार संहिता लागू रहने के दौरान बिना अनुमति के अनशन करने वाले शिक्षक संघ के नेताओं व अनशनकारी शिक्षकाें के खिलाफ डीइओ ब्रज किशोर सिंह के आवेदन पर चित्रगुप्त नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. क्या मिला आश्वासनडीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह ने नियोजित शिक्षकों को मानदेय के बदले वेतनमान निर्धारण को लेकर सेवा पुस्तिका प्रखंड वार लेने, सीआरसी, बीआरसी में खाली पड़े पदों को भी बहाल करने का आश्वासन दिया है. संबर्द्धन प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को प्रमाणपत्र निर्गत तथा वेतन निर्धारण में बिचौलियों की भूमिका पर विराम लगाने के आश्वासन पर अनशन समाप्त किया गया था. उधर, बिना अनुमति के डीइओ कार्यालय के समक्ष अनशन करने वाले नियोजित शिक्षक संघ के जिला सचिव सहित आठ अन्य शिक्षकों को नामजद सहित दस अज्ञात शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. डीइओ के आवेदन पर नियोजित शिक्षक संघ के जिला सचिव मनीष कुमार सिंह, अनशनकारी शिक्षक नंद किशोर यादव, श्याम नंदन, रविशंकर कुमार, अनिल पोद्दार, प्रभाष कर्ण, रेणु कुमारी, प्रवेंद्र कुमार, सुबोध कुमार सहित दस अज्ञात शिक्षकों के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन को लेकर चित्रगुप्त नगर थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है. कोट——–वेतन नहीं मिलने व वेतन संधारण व सेवा पुस्तिका संधारण में रिश्वत लिये जाने से शिक्षकों में त्राहिमाम की स्थिति थी. पूर्व में भी आश्वासन के बाद अनशन स्थगित कर दिया गया था, लेकिन मांगें पूरी नहीं की गयीं. इसके बाद अनशन की अनुमति के लिए एसडीओ को आवेदन दिया गया. पर, अनुमति नहीं मिली. अब ऐसे में कानून का उल्लंघन होता है, तो इसकी सारी जिम्मेवारी वह लेने के लिए तैयार हैं. मनीष कुमार सिंह, सचिव, नियोजित शिक्षक संघ आचार संहिता लागू रहने के दौरान बिना अनुमति के अनशन करने को लेकर चित्रगुप्त नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. ब्रजकिशोर सिंह, डीइओ
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आचार संहिता के दौरान दिया आश्वासन
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