अध्यक्षता जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष गजेंद्र प्रसाद महतो ने की. अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए श्री महतो ने कहा कि 13 सितंबर, 2014 को स्टेट बार काउंसिल द्वारा करप्शन ऑफ ज्यूडिशियल सिस्टम विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया था. इसमें यह बात सामने आयी थी कि न्यायपालिका में निगरानी का प्रवेश हो, क्योंकि कार्यपालिका एवं विधायिका में जब भ्रष्टाचार अथवा लेन-देने का मामला सामने आता है, तो निगरानी द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता है.
ठीक उसी प्रकार यदि न्यायपालिका में कोई मामला इस प्रकार का आता है, तो निगरानी को छापेमारी की अनुमति मिले. संगठन द्वारा उच्च न्यायालय को पत्रचार किया गया था. पर, पत्र का कोई जवाब नहीं आया. ऐसी स्थिति में बिहार की न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का शंखनाद किया गया है.
संचालन करते हुए संघ के महासचिव शिवजी महतो ने कहा कि अधिवक्ता भी उसी सिस्टम के अंग है, इसलिए अधिवक्ता स्वयं इस व्यवस्था के खिलाफ आम अवाम को जागरूक कर रहे हैं. अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद यादव, राम किशोर राय, वीरेंद्र कुमार सिंह, प्रवीण कुमार, पुलकित प्रसाद यादव ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार विषय पर विचार रखे. मौके पर अधिवक्ता अशोक कुमार सुमन, खुशीलाल राम, वरुण कुमार सिंह, विपिन सिंह, अजय कुमार सिंह, प्रिय रंजन कुमार, सुनील कुमार, मनोज कुमार सिंह, डॉ वसंत कुमार सिन्हा, राज किशोर सिंह, सुरेंद्र प्रसाद महतो, प्रणोश कुमार आदि अधिवक्ता मौजूद थे.