सरकारी अलाव ही शहर में लोगों का सहारा बना हुआ हैं. वहीं शहर के लोग कचरा जला कर किसी तरह ठंड से मुकाबला करते नजर आये. ठंड इतनी ज्यादा है कि सरकारी अलाव लोगों को राहत देने में नाकाफी साबित हो रहे हैं. शनिवार को ठंड ऐसी बढ़ी की पारा अब तक के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था. सोमवार की सुबह धूप निकलने से लोगों को ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिली है.
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धूप निकली पर ठंड अब भी कायम
खगड़िया: सोमवार को सुबह से ही धूप निकल गयी थी. दिन में मौसम सुहाना हो गया है, लेकिन शाम होते ही कनकनी बढ़ जा रही है. रविवार की रात ठिठुरन से लोग परेशान रहे. ठंड से जन जीवन पूरी तरह से बेहाल बना हुआ है. बीते कई दिनों से जिले में ठंड का कहर जारी […]
खगड़िया: सोमवार को सुबह से ही धूप निकल गयी थी. दिन में मौसम सुहाना हो गया है, लेकिन शाम होते ही कनकनी बढ़ जा रही है. रविवार की रात ठिठुरन से लोग परेशान रहे. ठंड से जन जीवन पूरी तरह से बेहाल बना हुआ है. बीते कई दिनों से जिले में ठंड का कहर जारी है. ठिठुरन वाली ठंड से सर्वाधिक बच्चों व बूढ़ों को परेशानी हो रही है.
अलाव नाकाफी
शुरुआती ठंड में भले ही सरकारी अलाव लोगों को राहत पहुंचाते नजर आये हों लेकिन गत दिनों से पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड में जगह-जगह चौक-चौराहे पर सरकारी अलाव लोगों को राहत पहुंचाने में नाकाफी साबित हो रहे हैं. लोगों की मानें, तो जिला प्रशासन द्वारा अलाव के जो प्रबंध किये गये हैं वे पर्याप्त नहीं है.
ठंड से अभी राहत नहीं
शीतलहर की मार ङोल रहे लोगों को अभी ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है. हां, ठंड से थोड़ी निजात मिल सकती है. लोगों को कहना है कि वसंत पंचमी तक ठंड का कहर जारी रहता है. मौसम में तेजी से गिरावट के चलते शनिवार को लोग घरों में ही कैद रहने पर मजबूर हुए.
घरों से निकले लोग
बीते कई दिनों से ठंड के कारण लोग घर में ही दुबके रहे. सड़क सुनसान पड़ा रहा. सड़कों पर रिक्शा व वाहनों की कमी देखी गयी. लेकिन सोमवार को सुबह-सुबह खिली धूप से लोगों ने राहत की सांस ली है. लोगों ने धूप का जम कर फायदा उठाया. धूप निकलने से बाजार में भी लोगों ने जम कर खरीदारी की. मकर संक्रांति को लेकर भी लोगों ने जम कर खरीदारी की.
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