खगड़िया: वैसे तो प्रत्येक सोमवार तथा शुक्रवार को मां कात्यायनी के दर्शन को लोगों का सैलाब धमारा घाट में उमर पड़ता है. लेकिन यह सोमवार को अमावस्या रहने के कारण खास रहा. सुबह से ही मंदिर परिसर में लोगों की भारी भीड़ लगी रही. लोग पूजा अर्चना के बाद मंदिर परिसर में भजन का आनंद उठाया.
इसके अलावा कुछ लोगों ने भजन में भाग भी लिया. मंदिर में मौजूद कई पुजारियों ने बताया कि इस दिन यहां पूजा का अपना अलग ही महत्व है. लोग इस दिन का वर्षो तक इंतजार करते हैं. जानकारी के अनुसार इस मंदिर पर प्रत्येक सोमवार तथा शुक्रवार को मां कात्यायनी को लोग अपने दुधारू पशु का पहला दूध यहां चढ़ाने के लिए आते हैं. इसके अलावा एक अन्य मान्यता भी है कि अगर किसी कारण वश ऐसा नहीं हो पाता है, तो ऐसा होने तक जिस घर का पशु है उस घर का कम से कम एक व्यक्ति अपने पशु के दूध का सेवन नहीं करता है.
सोमवार को मंदिर परिसर में दूर दराज के इलाके के लोगों की भीड़ लगी रही. एक पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में लोग तरह-तरह की मन्नत मांगते हैं. पूरी होने पर वे लोग मां के दरबार में इसी तरह आया करते हैं.
उल्लेखनीय है कि यह मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. लोगों का कहना है कि देश के अन्य शक्ति पीठ पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है. लेकिन इस मंदिर की तरफ तो आज तक किसी भी सरकार ने ध्यान भी नहीं दिया है. अभी हालांकि इस मंदिर की सारी जिम्मेदारी चौथम अंचल के पास है. इससे अंचल प्रशासन व मंदिर कमेटी को लाखों की आमदनी हो रही है. अगर इस मंदिर को विकसित कर दिया जाये तो यह करोड़ों रुपये की आमदनी जिला प्रशासन को दे सकती है. जरूरत एक सकारात्मक पहल की है.