फोटो है 17 में कैप्सन : ई किसान भवन प्रतिनिधि, बेलदौरप्रखंड मुख्यालय स्थित ई किसान भवन में सुविधाओं का घोर अभाव है. रंग-रोगन किया हुआ ई किसान भवन किसानों के लिए महज हाथी का दांत बन कर रह गया है. कभी-कभार किसान डीजल अनुदान की राशि व अनुदानित बीज का उठाव करने ही किसान भवन आते हैं. इसी दौरान संबंधित कृषि समन्यवक व सलाहकार के दर्शन संभव हो पाता है. ज्ञात हो कि कृषि रोड मेप को शत प्रतिशत जमीन पर उतारने के लिए वित्तीय वर्ष 2011-12 में लगभग 50 लाख की लागत से शताब्दी ई किसान भवन का निर्माण किसानों के बहुद्देश्यीय योजनाओं को शत-प्रतिशत क्रियान्यवयित करने के लिए की गयी है. भवन निर्माण कार्य के कार्य एजेंसी द्वारा भी निर्माण कार्य में जम कर कंजूसी बरती गयी है. इसके कारण बाहर से चमचमाती भवन में सुविधाओं का घोर अभाव है. आनन-फानन में कार्य पूरा कर कार्य एजेंसी ने विभागीय पदाधिकारी को भवन हैंड ओवर तो कर दिया लेकिन महज एक वर्ष बीतने के बाद ही निर्माण कार्य में बरती गयी घोर अनियमितता किसानों समेत कर्मियों को नजर आने लगी है. जलापूर्ति व विद्युत सेवाओं के अभाव में शोचालय एवं स्नानागार कबाड़ीखाना बना हुआ है. शौचालय से निकलती बदबू के कारण किसान व कर्मी नाक पर रुमाल रख भवन में कुछ देर रूक पाते हैं. शौच या प्यास लगने पर किसान व कर्मी इधर उधर झांकने लगते हैं. ऐसे में नव निर्मित ई किसान भवन के निर्माण कार्य मे बरती गयी अनियमितता व बगैर सभी सुविधाओं की जांच पड़ताल किये ही विभागीय पदाधिकारी द्वारा भवन को हैंड ओवर लेने को लेकर कई सवाल उठना लाजिमी है. किसानों में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है.
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ई किसान भवन में सुविधाओ का घोर अभाव
फोटो है 17 में कैप्सन : ई किसान भवन प्रतिनिधि, बेलदौरप्रखंड मुख्यालय स्थित ई किसान भवन में सुविधाओं का घोर अभाव है. रंग-रोगन किया हुआ ई किसान भवन किसानों के लिए महज हाथी का दांत बन कर रह गया है. कभी-कभार किसान डीजल अनुदान की राशि व अनुदानित बीज का उठाव करने ही किसान भवन […]
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