गोगरी : गंगा और गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार में अब कमी देखी जाने लगी है. इसके साथ ही निचले हिस्से में रहने वाले लोगों की बेचैनी अब अभी बढ़ रही है. गोगरी के छह पंचायत के कई गांवों के लोग बीते दो सप्ताह से ही अपने आशियाने की तलाश में जुटे दिख रहे हैं. कई लोग ऊंचे सार्वजनिक स्थलों पर तो कई सड़क व बांध पर जानवरों के साथ रहने को झोपड़ी बना रहे थे. तो कई लोग प्रशासन के द्वारा बनाया गया राहत शिविर में अपना शरण लिए हुए हैं. इस बीच सर्वाधिक बेचैनी पशुपालक में दिखाई देने लगी है.
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गंगा के बढ़ने की रफ्तार में आयी कमी, 24 घंटे में 0.02 मीटर बढ़ी गंगा, परेशानी यथावत
गोगरी : गंगा और गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार में अब कमी देखी जाने लगी है. इसके साथ ही निचले हिस्से में रहने वाले लोगों की बेचैनी अब अभी बढ़ रही है. गोगरी के छह पंचायत के कई गांवों के लोग बीते दो सप्ताह से ही अपने आशियाने की तलाश में जुटे दिख […]
कम हुई गंगा की रफ्तार
गंगा के रफ्तार में विगत कई दिनों से लगातार हो रही बढ़ोतरी को देख कर प्रशासन की भी नींद उड़ गयी थी. लेकिन बुधवार से जल स्तर के बढ़ोतरी में आयी कमी को देखते हुए जिला सहित अनुमंडल प्रशासन नें राहत की सांस ली है.
मंगलवार की दोपहर दो बजे जहां गंगा का जलस्तर 39.54 मीटर था वहीं बुधवार की दोपहर दो बजे केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार में 39.56 मीटर दर्ज किया है. हालांकि अभी भी गंगा 0.23 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि खतरा का निशान 39.33 मीटर पर है.
एसडीओ कर रहे हैं पीड़ितों के बीच कैंप
गोगरी एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल और सीओ कुमार रवींद्रनाथ, बीडीओ अजय कुमार दास सहित अनुमंडल के तमाम अधिकारी बाढ़ पीड़ित इलाका गोगरी और परबत्ता प्रखंड में बाढ़ पीड़ित के बीच लगातार पहुंचकर कैंप किये हुए हैं और बाढ़ पीड़ित के बीच रात भी गुजार रहे हैं.
वहीं बाढ़ पीड़ित परिवारों को जरूरत के हिसाब से सामग्री भी उपलब्ध करवा रहे हैं. बुधवार गोगरी एसडीओ श्री मंडल ने गोगरी के विभिन्न इलाके में पहुंच कर बाढ़ पीड़ित के साथ रात्रि विश्राम किया और उनके दर्द के सहभागी भी बने. वहीं बाढ़ पीड़ित के बीच वितरण किये जाने वाले सामग्री की भी खुद से जांच कर पीड़ित परिवारों को अपने समक्ष वितरण करवाया.
राहत शिविर में जाने से कतरा रहे बाढ़ पीड़ित
नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण खगड़िया जिले के गंगा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति दिनों दिन और भी गंभीर हो रही है. जिले में गंगा ने कई गांवों को अपने आगोश में ले लिया है. लेकिन बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाये गये शिविर और बाढ़ राहत कैंप में बाढ़ पीड़ित परिवार जाने से और वहां रहने से कतरा रहे हैं, क्युंकि बाढ़ पीड़ित परिवार का कहना है की हमलोग तो बाढ़ राहत शिविर में जायेंगे तो घर में काफी सामान है चोरी होने का डर बना हुआ है. वहीं कई पीड़ित परिवार का कहना है की हमलोग तो चले जायेंगे लेकिन मवेशी और जानवर को लेकर कहां जायेंगे.
जिन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, उन्हें प्रशासन के द्वारा गांव से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कल रात से पानी काफी कम मात्रा में बढ़ी है लेकिन गंगा अभी स्थिर हुई. हालांकी नेपाल में लगातार हो रही बारिश की वजह से जलस्तर में काफी वृद्धि हुई थी. कई छोटे तटबंध भी बहने के कगार पर पहुंच गये हैं.
हर तरफ दिख रहा तबाही का मंजर, लोग परेशान
बाढ़ का कहर गोगरी के विभिन्न इलाकों में लगातार जारी है. बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं गोगरी और परबत्ता के कई इलाके में हर तरफ तबाही का मंजर दिख रहा है. लोगों के घर, खेतों में खड़ी फसलें व स्कूल बाढ़ के पानी में डूब गये हैं. लगातार बढ़ रहा जलस्तर लोगों की जान-माल पर कहर बरपा रहा है.
अब भी गंगा का पानी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है.जलस्तर में उफान के कारण गंगा की बाढ़ व कटान आपदा से तटवर्ती ग्रामीणों में खलबली मची हुई है. जलस्तर बढ़ने से गोगरी के दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. हजारों बीघे लहलहाती फसलें बाढ़ के पानी से पट गयी हैं. बाढ़ व कटान से ग्रामीण हलकान हैं. लोग जीएन बांध और तटबंध व स्कूलों में बैठ कर दिन काट रहे हैं.
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