खगड़िया/गोगरी : शहरी क्षेत्रों में तीन माह तक लोड से अधिक बिजली खपत करनेवाले उपभोक्ताओं का कनेक्शन कटेगा. विभाग ने इसकी मॉनीटरिंग शुरू कर दी है. नयी टैरिफ दर पर होनेवाली मीटर रीडिंग में बिल के साथ खपत का भी जिक्र किया जा रहा है.
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शहरी क्षेत्रों में अधिक खपत पर कटेगी बिजली
खगड़िया/गोगरी : शहरी क्षेत्रों में तीन माह तक लोड से अधिक बिजली खपत करनेवाले उपभोक्ताओं का कनेक्शन कटेगा. विभाग ने इसकी मॉनीटरिंग शुरू कर दी है. नयी टैरिफ दर पर होनेवाली मीटर रीडिंग में बिल के साथ खपत का भी जिक्र किया जा रहा है. ऐसे उपभोक्ताओं को बिजली विभाग पहले नोटिस देगी. साथ ही […]
ऐसे उपभोक्ताओं को बिजली विभाग पहले नोटिस देगी. साथ ही स्वीकृत लोड से अधिक बिजली खपत करनेवाले उपभोक्ताओं से दोगुना फिक्स चार्ज लेगी. यह सिलसिला तीन माह तक चलता रहा और लोड नहीं बढ़ाया गया, तो ऐसे उपभोक्ताओं का कनेक्शन काट दिया जायेगा.
ऐसे लगेगा जुर्माना
यदि आपने बिजली कनेक्शन लेते समय दो किलोवाट का लोड लिया था. इसके बाद घर में एसी, फ्रिज, कूलर लगा दिया और लोड नहीं बढ़ाया और आपका खपत दो किलोवाट से बढ़कर पांच किलोवाट हो गया है.
ऐसे उपभोक्ताओं से पहले माह में बिजली विभाग तीन किलोवाट का जुर्माना लेगी. आयोग के फैसले के अनुसार शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिकिलो वाट 40 रुपये प्रतिमाह फिक्स चार्ज देना है. यानी दो किलोवाट लोड का फिक्स चार्ज बिजली विभाग 80 रुपये लेती है.
अधिक खपत किये जानेवाले तीन किलोवाट का फिक्स चार्ज जुर्माने के साथ 240 रुपये लेगी. यानी कुल फिक्स चार्ज 320 रुपये देने होंगे. दूसरे माह में भी अगर आप लोड से अधिक खपत करते हैं, तो जुर्माना वसूलने के साथ नोटिस दिया जायेगा. तीसरे माह में बिजली कंपनी कनेक्शन काट देगी. बिजली विभाग के इस तरह के फरमान से आम उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
बिजली कंपनी ने आयोग के पास दिया था प्रस्ताव
बिजली कंपनी ने टैरिफ प्रस्ताव के साथ उपभोक्ताओं को मांग आधारित बिजली देने का प्रस्ताव आयोग को दिया था. बिजली कंपनी के प्रस्ताव पर आयोग ने मुहर लगा दी है.
नयी टैरिफ दर लागू होने के बाद से शहरी इलाकों में रहनेवाले उपभोक्ताओं को मांग आधारित बिजली मिल रही है. इसका डाटा बिलिंग सॉफ्टवेयर में अपलोड करने का काम पूरा कर लिया गया है. नयी टैरिफ दर पर निकलने वाले बिल में उपभोक्ताओं द्वारा खपत किये जानेवाले लोड का विवरण तैयार हो रहा है.
जानिए ऐसा क्यों होगा
कनेक्शन लेते समय लिये गये लोड से अधिक बिजली खपत के कारण 33 केवी, 11 केवी के फीडर के साथ डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर पर ओवरलोड पड़ता है. इससे पीक आवर में (शाम 6 से रात 11 बजे तक) ट्रिपिंग शुरू हो जाती है. साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर का फ्यूज उड़ने के साथ जलने का खतरा रहता है.
ऐसे होगा सुधार
शहरी इलाकों के उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिना फ्लक्चुएशन बिजली देने के लिए कागजी लोड और हकीकत में खपत किये जानेवाले लोड का मिलान किया जायेगा.
जिस मुहल्ले में बिजली की खपत अधिक होगी, वहां एडिशनल डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफाॅर्मर लगाने के साथ 11 केवी के दूसरे सोर्स से बिजली की सप्लाइ की जायेगी, ताकि ओवरलोडिंग के कारण होनेवाली ट्रिपिंग से निजात मिल सके.
लोड बढ़ाने के लिए देना होगा उपभोक्ता को चार्ज
सिंगल फेजवाले शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को लोड बढ़ाने के लिए 400 रुपये प्रति किलोवाट शुल्क देना होगा. इसके अलावा 75 रुपये आवेदन शुल्क लिया जायेगा. यानी दो किलोवाट लोड बढ़ाने पर 875 रुपये शुल्क देने होंगे.
री-कनेक्शन के लिए लगेंगे 200 रुपये
बिजली कटने के बाद यदि उपभोक्ता जोड़ने का आवेदन देते हैं, तो उनसे बिजली कंपनी डिस्कनेक्शन और री-कनेक्शन चार्ज लेगी. सिंगल फेज घरेलू उपभोक्ताओं को इसके लिए 200 रुपये देने होंगे.
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