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परबत्ता में आर्सेनिक युक्त पानी पी रहे हैं लोग

परबत्ता : प्रखंड के कुल 22 पंचायत में से 20 पंचायतों के लगभग 40 प्रतिशत वार्ड में नली गली योजना के तहत विकास कार्य प्रगतिशील है. जबकि शेष वार्डो में विकास के कार्य कछुए की गति से जारी है. दो पंचायत सियादतपुर अगुवानी एवं महद्दीपुर पंचायत मे अबतक राशि का हस्तांतरण नहीं होने से इस […]

परबत्ता : प्रखंड के कुल 22 पंचायत में से 20 पंचायतों के लगभग 40 प्रतिशत वार्ड में नली गली योजना के तहत विकास कार्य प्रगतिशील है. जबकि शेष वार्डो में विकास के कार्य कछुए की गति से जारी है. दो पंचायत सियादतपुर अगुवानी एवं महद्दीपुर पंचायत मे अबतक राशि का हस्तांतरण नहीं होने से इस योजना का शुरुआत भी नहीं हो पाया है. मलुम हो की सियादतपुर अगुवानी पंचायत मे नमामि गंगे परियोजना के तहत शौचालय बनाने का काम तेजी से पूरा हो चुका है.

सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी परेशान हैं. प्रखंड में सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले लाभार्थी आज भी लाभ पाने के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है. आर्सेनिक युक्त जहरीला पानी पीने को लोग मजबूर हैं. प्रखंड के गंगा किनारे अवस्थित 11 पंचायत आर्सेनिक युक्त पानी पीने को विवश हैं.

सरकार द्वारा कराए गये सर्वे मे यह साबित हो चुका है की गंगा किनारे अवस्थित कई गांव मे भूगर्भीय जल मे आर्सेनिक की अधिकता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिये खतरनाक है. हर घर जल योजना के तहत इन पंचायतों मे प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाना है.परन्तु यह योजना अबतक फाइल तक ही सीमित है. धरातल पर इस दिशा में कोई पहल नहीं हो पाया है.

सात साल से सीओ नहीं करा रहे जमीन की मापी, होगी कार्रवाई
आदेश के बाद भी आनाकानी
जमीन की मापी कराने में 7 वर्षों से बाबुओं द्वारा लगातार बरती जा रही लापरवाही से नाराज शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत गोगरी अनुमंडल के पीजीआरओ के समक्ष की. बताया जाता है कि सुनवाई करते हुए पीजीआरओ ने चार माह पूर्व ही गोगरी सीओ को उक्त जमीन की मापी कराने का आदेश जारी किया था.
लेकिन इस आदेश का भी सीओ पर कोई खास असर नहीं हुआ. आदेश का अनुपालन सीओ द्वारा नहीं कराए जाने के कारण यह मामला प्रथम अपील के तहत जिला लोक शिकायत कार्यालय में पहुंचा. लोक शिकायत एडीएम श्री सिंह की माने तो यहां भी सीओ द्वारा लापरवाही बरती गई. जिला स्तर से नोटिस जारी होने के बाद अंचल कार्यालय के द्वारा जमीन की मापी की तिथि 15 मार्च निर्धारित की गई. लेकिन इस तिथि को भी जमीन की मापी नहीं कराई गई. 15 मार्च के बाद जमीन मापी की तिथी 4 एवं 5 अप्रैल को रखी गई. लेकिन 10 अप्रैल को हुई सुनवाई में न तो सीओ उपस्थित हुए और न ही जमीन मापी का प्रतिवेदन उन्होंने समर्पित किया. इतना ही नहीं सीओ ने यह भी नहीं बताया कि उन्होंने किस वजह से जमीन की मापी नहीं कराई.
कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों का उठ जाएगा विश्वास
पहले करीब साढ़े छ्ह साल तक भू-धारी जमीन मापी के लिए चक्कर काटे फिर दो माह अनुमंडल तथा इतने ही दिनों तक जिला कार्यालय में भी चक्कर लगाए. यहां भी आदेश के वावजूद सीओ ने जमीन की मापी नहीं कराई जो इनकी (सीओ) की शिथिलता को प्रमाणित करती है. अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के वावजूद जमीन की पैमाइश नहीं कराना इस अधिनियम की अनदेखी व आदेश का उल्लंघन है. लोक शिकायत अधिनियम के प्रति लोगो का विश्वास बना रहे. इसके लिए लोक प्राधिकार(सीओ) को दण्डित करना जरुरी है. लापरवाह लोक प्राधिकार पर कार्रवाई को लेकर जिला पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई है.

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