खगड़िया : बुधवार को रूढ़ सेठी भवन के सभागार में प्रखंड स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक हुई. बैठक में 31 दिसंबर तक प्रखंड क्षेत्र के बैंकों द्वारा दी गयी ऋण वितरण की समीक्षा की गयी. बैठक में ऋण वितरण में तेजी लाने को कहा गया. ताकि 31 मार्च तक ऋण वितरण के लक्ष्य को पूरा […]
खगड़िया : बुधवार को रूढ़ सेठी भवन के सभागार में प्रखंड स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक हुई. बैठक में 31 दिसंबर तक प्रखंड क्षेत्र के बैंकों द्वारा दी गयी ऋण वितरण की समीक्षा की गयी. बैठक में ऋण वितरण में तेजी लाने को कहा गया. ताकि 31 मार्च तक ऋण वितरण के लक्ष्य को पूरा किया जा सकें. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
बीएलबीसी की बैठक में बेरोजगारों को रोजगार के लिए मिलने वाले ऋण पर अधिक चर्चा व जोर दिया गया. बैठक की अध्यक्षता कर रहे एलडीएम एसके राय ने जरुरतमंदों को रोजगार करने के लिए ऋण मुहैया कराने का निर्देश सभी बैंकों को दिया. ताकि वे अपने पैरों पर खड़ा हो पाए. स्वयं आत्म निर्भर हो जाए और अन्य जरुरतमंदों को भी वे अपने कारोबार के जरिये रोजगार मुहैया करा पाएं . स्टैंडअप योजना की उपलब्धि अच्छी नहीं पायी गयी.
उल्लेखनीय है इस दोनों योजना के तहत रोजगार के लिए जरुरतमंदों को ऋण दिए जाते हैं. लेकिन इन दिनों योजना की खराब स्थिति यह बताने को काफी थी कि कुछ बैंक इस योजना के प्रति अधिक गंभीर नहीं है. बैठक में एलडीएम ने इस दोनों योजना के प्रति गंभीरता दिखाने, पोर्टल को नियमित रूप से देखने को कहा है. जिससे कि आवेदन वहां पेंडिंग न रह पाए.
मौके पर युवीआई के मुख्य शाखा प्रबंधक पिंकू सिंह, कोशी कॉलेज शाखा के मनीष कुमार सहित कई बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थित थे.
जेएलजी को न भूलें डीडीएम
बैठक में मौजूद डीडीएम अनिल रजक ने ज्वाइंट लाइवलिटी ग्रुप एवं एसएचजी को न भूलने सहित इस योजना के तहत भी ऋण वितरण करने को कहा. समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि जेएलजी की स्थिति तो ठीक है, लेकिन बंधन, बीकेजीबी एवं आइडीबीआइ को छोड़ अधिकांश बैंकों ने जेएलजी के तहत ऋण बांटने में रुचि नहीं दिखाई. डीडीएम ने ऋण वितरण के नाम पर खानापूर्ति बंद कर सभी बैंकों को इस योजना के तहत ऋण वितरण करने को कहा है. उन्होंने कहा कि बटाईदार, भूमिहीनों की संख्या इस जिले में अच्छी खासी है. जो ऋण लेने में इसलिए पीछे रह जाते हैं. क्योंकि न तो ये सिक्योरिटी जमा कर पाते है. और न बैंक को अपना एलपीसी दे पाते है.
ऐसे लोगों के लिए जेएलजी योजना बनायी गयी है. अगर बैंक इस योजना के प्रति गंभीर नहीं हुई है. तो ऐसे लोगों को रोजगार व खेती करने के लिए सेठ साहुकारों के पास हाथ फैलाने पड़ेंगे. जहां उनका आर्थिक शोषण होगा. एसएचजी योजना की जानकारी भी कुछ नए शाखा प्रबंधकों को देते हुए डीडीएम ने एसएचजी ग्रुप को ऋण मुहैया कराने को कहा. कृषि क्षेत्र के साथ साथ बकरी पालन, मुर्गी पालन, डेयरी क्षेत्र में भी ऋण वितरण कर लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया गया.