खगड़िया : अनुदान बताकर गरीब महादलितों के नाम पर पहले 66-66 हजार रुपये निकाल लिये गये,फिर राशि का बंदरबांट कर दिया गया. बैंक से नोटिस मिलने के बाद इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. करीब दो दर्जन परिवारों को नोटिस भेजा गया है. ऐसे परिवारों को नोटिस मिलने के बाद उनलोगों का सिरदर्द बढ़ गया है. बैंक का नोटिस लेकर अब लोग बाबुओं के दरबार का चक्कर काट रहे हैं. मामला सदर प्रखंड के बेला सिमरी पंचायत के चक्कर काट रहे हैं. मामला सदर प्रखंड के बेला सिमरी पंचायत के वार्ड संख्या 5 का है. यहां कई लोग बीते कुछ दिनों से परेशान है. इनकी परेशानी की वजह एसबीआइ का नोटिस है.
जिसमें इन लोगों को सूद सहित ऋण की राशि जमा करने का फरमान जारी किया गया है. नोटिस में यह अल्टीमेटम भी दिया गया है कि ऋण की राशि जमा नहीं करने की स्थिति में बैंक नियमानुसार वसूली की कार्रवाई करेगी. बैंक से जारी नोटिस देख सभी लोग दंग हो गये. इन्हें यह भी मालूम नहीं है कि इन्होंने कब एसबीआइ से ऋण लिया था.
फर्जीवाड़ा के शिकार इन सभी लोगों ने बताया कि उनलोगों को सरकारी अनुदान बताकर 16-16 हजार रुपये दिये गये थे. अब जो नोटिस जारी हुए है. उसमें 66-66 हजार रुपये ऋण दिये जाने की बातें कही गयी है. जबकि सूद की राशि अलग से दिखाई गयी है. नोटिस मिलने के बाद इन लोगों ने इस गोरखधंधा में शामिल एसबीआइ जलकौड़ा के पूर्व मैनेजर एवं बिचौलिये पर कार्रवाई को लेकर स्थानीय थाने में आवेदन दिये हैं. लाभुक सुधा देवी, अनरसा देवी,मनटुन सदा, पिंकी देवी, घंशेल सदा, सुखदेव सदा, बहादुर सदा, राधा देवी,भुला सदा, मीना देवी, मंजु देवी, मौनी देवी, पिंकी देवी, मंटु सदा, पूनम देवी, हरेराम सदा, नीलम देवी, मेदनी देवी, कृष्णा सदा, शंखों सदा, रामपरी देवी, घेालटू सदा, बहादुर सदा, काला देवी, सुनीता देवी, परमेश्वर सदा, पिंकु देवी, सुंदर देवी, रेखा देवी आदि ने अनुदान की राशि लेने की बात कही.
केसीसी ऋण हुआ है जारी
सरकार से मिली जमीन एवं सरकार से मिली राशि से इन सभी लोगों ने रहने के लिए घर बनाया है. मजदूरी कर किसी तरह घर चलाने वाले इन सभी लोगों के नाम से खेती के लिए मिलने वाले केसीसी ऋण जारी हुए हैं. बैंक द्वारा जारी नोटिस में केसीसी ऋण दिये जाने का उल्लेख है. नोटिस प्राप्त करने वाले सभी लोगों ने साफ साफ बताया है कि उन्हें रहने के लिए कोई दूसरी जमीन है ही नहीं तो फिर कैसे उनके नाम से केसीसी ऋण जारी हुए है. सूत्र बताते हैं कि इस फर्जीवाड़ा के शिकार हुए सभी लोगों को एलपीसी के आधार पर केसीसी ऋण दिये गये हैं. अब सवाल उठता है कि जब इनलोगों के पास खेती योग्य जमीन ही नहीं है तो एलपीसी कैसे बने तथा बैंक ने कैसे इस फर्जी एलपीसी के आधार पर ऋण जारी कर दिया.
अनुदान के नाम पर लिया था अंगूठे का निशान
बेला सिमरी के वार्ड संख्या पांच के सुधा देवी, अनरसा देवी, पिंकी देवी, राधा देवी, सहित करीब 28 लोगों ने बताया कि वर्ष 2016 के अगस्त व जून माह में उन लोगों से अनुदान दिये जाने के नाम पर आधार कार्ड, फोटो पहचान पत्र, फोटो एवं कुछ कागजात पर अंगूठे के निशान व हस्ताक्षर लिए गये थे. इनका कहना है कि तब उन्हें यह बताया गया था कि एसबीआइ जलकौड़ा शाखा के तत्कालीन मैनेजर सहित गंगिया के एक व्यक्ति ने महादलितों को सरकार द्वारा अनुदान दिये जाने की बातें कहते हुए उक्त कागजात लिये तथा कुछ कागजातों पर निशान/ हस्ताक्षर भी कराये. बाद में पासबुक एवं अनुदान की राशि कहकर 16-16 हजार रुपये उनलोगों को दिये थे. अब ऋण लेने की बात कहकर बैंक के द्वारा नोटिस जारी कर दिया गया है तथा सूद के साथ पूरी राशि जमा कराने को कहा गया है.