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बगैर सहमति लिये ही निजी जमीन पर बना दी सड़क

मुखिया व पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश रैयत नहीं माने तो सड़क उखाड़ने के भी आदेश खर्च हुई राशि की भी अभिकर्ता से होगी वसूली बीडीओ की दलील को भी एडीएम ने किया खारिज खगड़िया : रैयत से बगैर अनुमति लिए जबरन उनके जमीन पर सड़क का निर्माण करा दिया गया. पंचायत सचिव […]

मुखिया व पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश

रैयत नहीं माने तो सड़क उखाड़ने के भी आदेश
खर्च हुई राशि की भी अभिकर्ता से होगी वसूली
बीडीओ की दलील को भी एडीएम ने किया खारिज
खगड़िया : रैयत से बगैर अनुमति लिए जबरन उनके जमीन पर सड़क का निर्माण करा दिया गया. पंचायत सचिव व मुखिया की इस मनमानी व नियम के विपरीत हुए कार्य को गंभीरता से लेते हुए दोनों से स्पष्टीकरण पूछने व इनके विरुद्ध कार्रवाई का आदेश लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विजय कुमार सिंह ने दिया है. सरकारी राशि से निजी जमीन पर ईंट सोलिंग कराने का मामला परबत्ता प्रखंड के दरियापुर भेलवा पंचायत से सामने आया है. पंचायत के सतखुट्टी टोला निवासी मनीष कुमार की जमीन पर पंचायत योजना की राशि से लाखों की लागत से सड़क का निर्माण करा दिया. हैरानी की बात तो यह है
कि सरकारी राशि से निजी जमीन पर सड़क निर्माण कराने के पूर्व भू-धारी से अनुमति तक नहीं ली गयी. अब भू-धारी की शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोक शिकायत एडीएम ने इस मामले में कई आदेश जारी किये हैं. लोक शिकायत एडीएम ने निजी जमीन पर कराये गये सड़क निर्माण को पूरी तरह नियम के विपरीत बताया है. सुनवाई के बाद एडीएम ने परबत्ता बीडीओ को भेलवा दरियापुर पंचायत के मुखिया एवं अभिकर्ता सह पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण पूछने को कहा है कि सड़क निर्माण के पूर्व अंचल कार्यालय से जमीन का सत्यापन क्यों नहीं हुआ. उन्होंने बीडीओ को आदेश दिया है कि सड़क निर्माण पर खर्च राशि की वसूली कार्य एजेंसी से होनी चाहिए.
दलील खारिज
इस मामले में परबत्ता बीडीओ का जवाब चौंकाने वाला रहा. सड़क निर्माण के संदर्भ में जवाब मांगा गया तो उन्होंने कार्रवाई करने की जगह प्रत्यक्ष रूप से इस निर्माण को जनहित में सही करार दे दिया. सुनवाई के दौरान बीडीओ ने 23 अक्तूबर को यह जवाब प्रस्तुत कर स्वीकार किया कि सड़क का निर्माण निजी जमीन पर कराया गया है, लेकिन निर्माण कार्य की मंजूरी वार्ड सभा के द्वारा मिल गयी थी. जिस दौरान भू-धारी ने कोई आपत्त व्यक्त नहीं की थी. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यह सड़क अत्यंत ही जन उपयोगी है. इस सड़क से महादलितों को फायदा होगा, लेकिन बीडीओ के इस जवाब को खारिज कर दिया गया.
नहीं मिली सहमति तो तोड़े जायेंगे सड़क
यदि भू-धारी ने अभी भी सड़क निर्माण को लेकर अपनी सहमति नहीं दी तो सड़क को तोड़ा जायेगा. लोक शिकायत अधिनियम के तहत सुनवाई करते हुए सुनवाई पदाधिकारी ने शिकायतकर्ता भू-धारी से सहमति लेने को कहा है. यदि शिकायतकर्ता अभी भी नहीं माने तो बिछाये गये ईंट को हटाकर उनकी जमीन को खाली करने अथवा सड़ क निर्माण के लिए उपयोग में लायी गयी भूमि के रकबा का विधिवत भू अर्जन करते हुए उन्हें मुआवजे की राशि देने को कहा है.
सुनवाई पदाधिकारी विजय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में निजी जमीन पर भू-धारी की सहमति के बिना सरकारी राशि से निर्माण कराना असंवैधानिक है. ऐसे मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश भी स्पष्ट हैं. इस मामले में भू-धारी से लिखित सहमति अथवा अनापत्ति प्राप्त किया जाना था. 30 नवंबर तक उनसे कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गयी है.
कहते हैं शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता मनीष कुमार ने बताया कि उनकी जमीन पर रातों रात सड़क का निर्माण कराया गया है. बाद में सड़क निर्माण का विरोध किये जाने पर उनके विरुद्ध दलित उत्पीड़न का केस भी करा दिया गया. वार्ड सभा में उन्हें बुलाया गया था. सारे लोग मिले हुए हैं. वे कभी भी सड़क निर्माण पर अपनी सहमति नहीं देंगे.
कहते हैं बीडीओ
बीडीओ डाॅ कुंदन ने कहा कि डीपीजीआरओ के आदेश की प्रति उन्हें प्राप्त नहीं हुई है. आदेश प्राप्त होते ही नियमानुकूल इस मामले में कार्रवाई की जायेगी. उन्हें इतना मालूम हुआ है कि भूस्वामी से सहमति लेना है. सहमति नहीं मिलने की स्थिति में कार्रवाई की जानी है.

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