खगड़िया : गलत जख्म रिपोर्ट देकर अस्पताल के एक चिकित्सक बुरी तरह फंस गये हैं. अब इनके ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. गलत रिपोर्ट जारी किये जाने की बात प्रमाणित होने के बाद अब इनके विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी किये गये हैं. लोक शिकायत एडीएम विजय कुमार सिंह ने सिविल सर्जन […]
खगड़िया : गलत जख्म रिपोर्ट देकर अस्पताल के एक चिकित्सक बुरी तरह फंस गये हैं. अब इनके ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. गलत रिपोर्ट जारी किये जाने की बात प्रमाणित होने के बाद अब इनके विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी किये गये हैं. लोक शिकायत एडीएम विजय कुमार सिंह ने सिविल सर्जन को गलत जख्म रिपोर्ट देने वाले अस्पताल के उक्त चिकित्सक से स्पष्टीकरण पूछते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है.
ताकि इसका सीधा संदेश उन सभी डाॅक्टरों तक पहुंचे,जो गलत रिपोर्ट तैयार कर खुद तो लाभान्वित होते है, लेकिन इसका नुकसान दूसरे को उठाना पड़ता है. जानकारी के मुताबिक एडीएम ने 14 अक्तूबर तक इस मामले में कार्रवाई करते हुए सिविल सर्जन से रिपोर्ट देने को कहा है.
मामूली घाव को बताया गहरा जख्म : मथुरापुर पंचायत के भगत टोला में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट के बाद नगर थाना में कांड संख्या 356 दर्ज हुआ था. इसी मामले में अस्पताल के एक चिकित्सक ने एक पक्ष के जख्म की जांच कर रिपोर्ट दी थी. जानकारी के मुताबिक तब उक्त चिकित्सक ने घाव को गहरा बताया था.
जिसके बाद चिकित्सक के इसी जख्म रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में अजमानतीय धारा लगाया गया. जिसका नतीजा यह हुआ है कि दूसरे पक्ष को न्यायालय से जमानत नहीं मिली और सलाखों के पीछे जाना पड़ा. कई माह से वे जेल में बंद है, लेकिन अब ये बातें सामने आयी है कि चिकित्सक की रिपोर्ट गलत थी. जख्म गहरे नहीं बल्कि सामान्य थे. चिकित्सक की इसी गलत रिपोर्ट के कारण मथुरापुर के मुकेश को जेल जाना पड़ा और आज तक वह वहीं बंद है.
दोबारा जांच से हुआ खुलासा
जेल में बंद मुकेश की पत्नी अन्नू देवी ने चिकित्सक के जख्म रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत में दर्ज कराई थी. जिसके बाद यहां से जारी आदेश के बाद सिविल सर्जन ने वास्तविक स्थिति को जानने के लिए चार सदस्यीय चिकित्सकों की जांच टीम गठन किया. मारपीट में हुए जख्मी हुए व्यक्ति के जख्म की इन्हीं टीम के द्वारा जांच की गयी. जांच के दौरान ही एक्स-रे प्लेट को भागलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया. नतीजा यह निकला कि पूर्व के चिकित्सक द्वारा दिये गये जख्म प्रतिवेदन गलत थे. चार सदस्यीय जांच टीम ने उस जख्म को सामान्य करार दिया. जिसे पूर्व में एक चिकित्सक ने गहरा घाव बताया था.
इंज्यूरी रिपोर्ट को लेकर शिकायत करने वाले अन्नू देवी ने कहा कि चिकित्सक की गलत रिपोर्ट के कारण उनके पति महीनों से जेल में बंद है. पैरवी व पैसे के बल पर चिकित्सक ने गलत रिपोर्ट बनाये थे. जिस कारण वे मानसिक व आर्थिक रूप से परेशानी हुई है. उन्हें उम्मीद है कि अब उनके पति जेल से भी से भी छुटेंगे तथा उक्त चिकित्सक पर भी कार्रवाई होगी.
लोक शिकायत एडीएम विजय कुमार सिंह ने कहा कि संयुक्त जांच टीम के रिपोर्ट से यह साफ हो गया कि रिपोर्ट गलत थे. इंज्यूरी रिपोर्ट देने वाले चिकित्सक से स्पष्टीकरण पूछते हुए उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है ताकि इसका सीधा सकारात्मक संदेश जिले में कार्यरत अन्य सरकारी डाॅक्टरों एवं कर्मियों के बीच जा सके.