खगड़िया : वर्ष 1995-96 में चौथम थाना क्षेत्र के बलकुंडा गांव को कोसी बागमती नदी अपने गर्भ में समा लिया था. लेकिन बलकुंडा गांव के बेघर लोग आज भी पुनर्वास के लिए दर दर भटक रहे हैं.
तत्कालीन डीएम मो परवेज आलम, राजीव रौशन, साकेत कुमार के आश्वासन के बाद भी पुनर्वास मामले का निष्पादन आज तक नहीं हो पाया है. उक्त बातें सोमवार को भाकपा के पूर्व विधायक सत्य नारायण सिंह सीपीआइएम कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही. उन्होंने कहा कि बलकुंडा के लगभग चार सौ परिवार कई वर्षों से बेघर हैं. तपती धूप में वृक्ष के नीचे अपनी आशियाना बनाकर रहने को मजबूर है. लेकिन डीएम इस ओर गंभीर नहीं है. यदि बलकुंडा मामले का निष्पादन ससमय नहीं हुआ तो पार्टी आंदोलन करेगी.