हद है. 12 दिन हो गये बच्ची के लापता हुए, मां का आरोप
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स्कूल प्रबंधक ने कहा, केस उठा लो मिल जायेगी बच्ची
हद है. 12 दिन हो गये बच्ची के लापता हुए, मां का आरोप बरारी : एक गरीब माता-पिता का गुनाह बस इतना था कि उन्होंने अपनी बेटी को बेहतर शिक्षा देने का ख्वाब देखा. अपने सपने को सच करने के लिए वे कटिहार के बरमसिया स्थित मेरीकुलेटेड स्कूल पहुंचे व बेटी छह वर्षीया सोनिया हेंब्रम […]
बरारी : एक गरीब माता-पिता का गुनाह बस इतना था कि उन्होंने अपनी बेटी को बेहतर शिक्षा देने का ख्वाब देखा. अपने सपने को सच करने के लिए वे कटिहार के बरमसिया स्थित मेरीकुलेटेड स्कूल पहुंचे व बेटी छह वर्षीया सोनिया हेंब्रम का वहां एडमिशन कराया. सोनिया को स्कूल के हॉस्टल में डाल कर माता-पिता घर चले गये. अचानक सात मई को को दिन के 12 बजे स्कूल के प्रबंधक का फोन सोनिया के पिता के पास आता है कि आपकी बेटी स्कूल से छह बजे से ही गायब है.
यह खबर सुनते ही माता-पिता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी. दोनों बरारी से भागे-भागे स्कूल पहुंचे. तब तक उनकी बच्ची अता-पता नहीं था. सोनिया के पिता मरांग हेंब्रम ने बताया कि उस रात व अगले दिन तक हमें स्कूल प्रबंधन ने वहीं एक तरह से कैद कर लिया और पुलिस के पास नहीं जाने दिया. इस दौरान स्कूल प्रबंधन ने धोखे से एक सादे कागज पर उनसे अंगूठा भी लगवा लिया. बाद में वहां से निकलने के बाद हम लोग पुलिस के पास पहुंचे. फूलकुमारी ने बिलखते हुए कहा कि हमारी बच्ची गायब थी और हमें ही कैद कर लिया. 12 दिन हो गये हमारी बच्ची कहां, किसके साथ और किस हाल में है किसी को कुछ नहीं पता. पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे बैठी है.
मां का रो-रो कर बुरा हाल : बरारी थाना क्षेत्र के सिरकट्टा गांव के आदिवासी मजदूर परिवार के मरांग हेंब्रम व फुलकुमारी बासकी की छह वर्षीया पुत्री सोनिया हेंब्रम को लापता हुए 12 दिन से मेरीकुलेटेट स्कूल बरमसिया से लापता है. पर अब तक पुलिस बच्ची को बरामद करने की बात तो दूर उसके बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है. विद्यालय प्रबंधन भी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, जबकि बच्ची की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से स्कूल प्रबंधन की ही थी.
वहीं बेटी का पता नहीं चलने से माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है. फूलकुमारी कहती हैं कि खाना देख कर ही रूलायी आ जाती है कि उनकी बेटी किस हाल में होगी. उसे खाने को मिलता भी होगा या नहीं. उन्हें क्या पता था कि बेटी को पढ़ाने का ख्वाब उन्हें बेटी से ही दूर कर देगा. ऐसा पता होता तो वह कभी उसे स्कूल नहीं भेजतीं.
कहते हैं एसडीपीओ : एसडीपीओ लाल बाबू यादव ने कहा कि बच्ची की बरामदगी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. बच्ची को बरामद करने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है. सभी थानाें में उसका फोटो भी भेजा गया है.
स्कूल पहुंचने पर पुलिस के पास जाने से रोका
बच्ची के माता-पिता ने स्कूल के प्रबंधक पर आरोप लगाया है कि 18 मई गुरुवार को उनका फोन आया कि केस उठा लो. बच्ची मिल जायेगी. इस तरह की बात स्कूल प्रबंधन द्वारा किये जाने से बच्ची के माता-पिता काफी भयभीत है. आरोप लगाया कि प्रशासन व स्कूल प्रबंधन द्वारा शिथिलता बरती जा रही है. वहीं सिक्कट के तेरासी टोला में गिरजाघर के प्रमुख जीतन द्वारा भी बच्ची के माता-पिता व स्कूल प्रबंधन के बीच कड़ी बन कर मामले को रफा-दफा कराने की बात सामने आ रही है.
फूलकुमारी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह ठीक से छानबीन नहीं कर रही है, क्योंकि हमलोग गरीब हैं. यदि किसी अमीर व्यक्ति की बेटी 12 दिनों से गायब होती, तो पुलिस जमीन व आसमान एक कर देती, लेकिन हम लोगों के लिए कौन पैरवी करेगा. सांसद, विधायक भी इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं. यदि मेरी बच्ची को कुछ हुआ, तो हम किसी को माफ नहीं करेंगे. डीआइजी, कमिश्नर, एसपी, मुख्यमंत्री के पास भी जाना पड़े तो जायेंगी. वह मेरी बेटी है उसके लिए हम वह हर दरवाजा खटखटायेंगे, जहां से उम्मीद है. स्थानीय लोगों ने कहा कि बच्ची यदि जल्द बरामद नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा.
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