सूरत-ए-हाल. एटीएम में रुपये नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ़ी
Advertisement
जिले में नोटबंदी जैसे हुए हालात
सूरत-ए-हाल. एटीएम में रुपये नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ़ी जिले के एटीएम इन दिनों शोपीस बने हैं. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. लगन का मौसम है, बावजूद रुपये नहीं मिलने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. ग्रामीण इलाके के बैंकों का भी यही हाल है. वहां भी ग्राहकों को जरूरत […]
जिले के एटीएम इन दिनों शोपीस बने हैं. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. लगन का मौसम है, बावजूद रुपये नहीं मिलने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. ग्रामीण इलाके के बैंकों का भी यही हाल है. वहां भी ग्राहकों को जरूरत के हिसाब से रुपये नहीं मिल रहे हैं. इससे एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात पैदा हो रहे हैं.
कटिहार : नोटबंदी के बाद जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का जीवन पटरी पर आने लगा था. पर, पिछले कुछ दिनों से जिस तरह नकदी को लेकर मारामारी मची है, उससे स्थिति नोटबंदी जैसी ही हो गयी है. नकदी के लिए जब लोग एटीएम पहुंचते हैं, तो उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. बैंकों के पास पर्याप्त नकदी नहीं होने की वजह से लोगों रुपये नहीं मिल रहे है. इससे कई जरूरी काम लोगों के प्रभावित होने लगे है. खासकर इन दिनों शादी का मौसम है.
साथ ही साथ नगर निकाय का चुनाव भी चरम पर है. ऐसे समय में नकदी की किल्लत ने हर तबके को मुसीबत में डाल दिया है. कहने को तो जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 148 एटीएम हैं. पर, इसमें से 10 से 15 प्रतिशत ही काम कर रहे हैं. इसमें से भी लोगों को जरूरत के हिसाब से नकदी नहीं मिल रही है. शहरी क्षेत्र के तो अधिकांश एटीएम खुले हुए हैं, पर उनमें नकदी नहीं है. लोग सिर्फ बैलेंस चेक करने के लिए एटीएम का उपयोग कर रहे हैं.
एटीएम से नकदी नहीं मिलने से लोगों का दैनिक कार्य भी पर भी असर पड़ रहा है. एटीएम से नकदी नहीं मिलने की वजह से महाजन एवं अन्य लोगों से कर्ज लेकर किसी तरह लोग अपना काम निकाल रहे हैं. दूसरी तरफ बैंक भी इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिया है. बैंकों की मानें, तो रिजर्व बैंक से जरूरत के मुताबिक नकदी मिलने के बाद ही लोगों को पर्याप्त रुपये मिल सकेंगे. यह सब कब तक होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है. प्रभात खबर ने मंगलवार को शहरी क्षेत्र के करीब डेढ़ दर्जन एटीएम का जायजा लिया. इसमें से अधिकांश एटीएम तो खुले मिले, पर उससे नकदी नहीं थी.
निराश होकर लौटते हैं लोग
बैलेंस चेक करने के काम आ रहा एटीएम : नकदी की किल्लत से लोग परेशान हैं. नोटबंदी के बाद धीरे-धीरे लोगों की स्थिति में सुधार होने लगी थी. पर पिछले कुछ दिनों से नकदी की किल्लत फिर शुरू हो गयी है. प्रभात खबर ने मंगलवार को शहरी क्षेत्र के करीब डेढ़ दर्जन एटीएम का जायजा लिया. बड़ी संख्या में लोग एटीएम से खाली हाथ लौट रहे थे. पूछने पर बताया कि एटीएम में रुपये ही नहीं है. शहर के मिरचाईबाड़ी स्थित स्टेट बैंक के एटीएम में लोगों की भीड़ लगी हुई थी.पर पर्याप्त नकदी नहीं मिल रही थी. केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक के एटीएम खुले थे. पर उनमें भी रुपये नहीं थे. शहर के शिव मंदिर चौक, पानी टंकी चौक, विनोदपुर, न्यू मार्केट रोड, पुराना बाटा चौक सहित विभिन्न स्थानों पर स्थापित एटीएम में भी रुपये नहीं हैं.
कारोबार पर भी नकदी की किल्लत का दिखने लगा असर
नोट की किल्लत का असर कारोबार पर भी दिखने लगा है. अमूमन ऐसे समय में शहर के प्रमुख बाजारों में चहल-पहल देखी जाती थी. पर इन दिनों बाजार सूना-सूना नजर आ रहा है. खासकर बड़ा बाजार, मंगल बाज़ार, एमजी रोड, न्यू मार्केट रोड आदि बाजारों में कपड़ा एवं सोने-चांदी के दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी.
शादी एवं अन्य अनुष्ठान के उद्देश्य से लोग खरीदारी करते थे. पर, पिछले कुछ दिनों से इन बाजारों वीरानगी छायी है. कई व्यापारियों ने बताया कि बैंक एवं एटीएम से नकदी नहीं मिलने की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. कारोबार प्रभावित होने से व्यापारी वर्ग भी परेशान है. कुछ व्यापारी ने यह भी कहा कि जान पहचान वाले लोगों को वे लोग उधार देने को मजबूर हैं. ऐसे व्यापारी इस मामले में सरकार को सीधे दोषी ठहराते हैं. व्यापारियों का कहना है कि सरकार को पर्याप्त मात्रा में नकदी की व्यवस्था करनी चाहिये. वहीं जिनके घर शादी-विवाह है वह भी रुपये को लेकर परेशान हैं.
एटीएम से खाली हाथ लौट रहे हैं लोग
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में लगाये गये विभिन्न बैंकों के एटीएम अब महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. अधिकांश एटीएम से नकदी नहीं मिलने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. शहरी क्षेत्र में करीब 30 एटीएम लगाया गया है. इसमें से अधिकांश एटीएम तो खुले हुये है. उसमें से लोगों को नकदी नहीं मिल रहा है.
ग्रामीण क्षेत्र में करीब 148 एटीएम विभिन्न बैंकों के द्वारा स्थापित की गयी है. ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश एटीएम में ताला लटक रहा है. जबकि शहरी क्षेत्र के एटीएम लोगों को नगदी देने में नाकाम है. इससे ग्रामीण क्षेत्र को एटीएम की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. बैंक भी एटीएम से पर्याप्त नकदी लोगों को नहीं मिलने की बात दबी जुबान से स्वीकार करते हैं.
कहते हैं जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक
इस मामले में जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक बीपी कुशवाहा ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि नकदी को लेकर थोड़ी परेशानी बढ़ी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पर्याप्त नकदी नहीं आने की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. साथ ही नोटबंदी के बाद बैंक द्वारा जो लोगों को नकदी उपलब्ध करायी गयी, वह नकदी भी बैंक में नहीं आ रही है. इसकी वजह से भी इस तरह की कठिनाई उत्पन्न हुई है. दूसरी तरफ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाना चाहिये. अगर नकदी पर्याप्त मिलने लगेगी, तो लोग डिजिटल पेमेंट की ओर नहीं बढ़ेंगे. कैशलेस सोसाइटी बनाने की दिशा में हो रही पहल भी इससे प्रभावित होगी.
कहते है चैंबर अध्यक्ष : चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विमल सिंह बेगानी ने कहा कि नकदी की किल्लत से व्यवसाय पर असर पड़ा है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिये. एटीएम से नकदी नहीं मिलने की वजह से लोग परेशान है. खासकर शादी विवाह एवं कई जरूरी अनुष्ठान करने में लोगों को परेशानी हो रही है. सरकार को शीघ्र ही पर्याप्त नकदी बैंकों को उपलब्ध करानी चाहिये.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement