कटिहार : नोट बंदी का सबसे ज्यादा असर आलू पर पड़ा है. आलू छह रूपया किलो की दर से खुदारा में बिक रहा है. थोक में पांच सौ रूपये क्विंटल की दर से आलू बिक रहा है. आलू के दामों में आयी गिरावट से आलू उत्पादक किसानों में मायूसी छायी हुई है. किसानों का कहना है कि जितना मूल्य अभी बाजार से प्राप्त हो रहा है वह काफी कम है. इससे उत्पादन लागत भी निकलना मुश्किल है. किसानों ने सरकार व प्रशासन से मांग किया है कि जिस तरह सरकार धान का समर्थन मूल्य तय करती है.
उसी प्रकार आलू का भी करें. जब किसानों को लागत मूल्य भी उपर नहीं होगा तो किसान खुदखशी करने को विवश हो जायेंगे. जो बड़े तबके किसान है वे कोल्ड स्टोर में अपना आलू रखकर व बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन जो छोअे किसान है जिनको पूंजी नहीं है वैसे किसान औने-पौने दामों पर आलू की बिक्री कर रहे हैं. कई थोक विक्रेता तो किसान से आलू खरीदकर कोल्डस्टेार में रखकर आगे मुनाफा कमाने की जुगाड़ भी लगा चुके हैं. गौरतलब हो कि मनसाही,
कोढ़ा, फलका, डंडखोरा, हसनगंज आदि प्रखंडों में किसान बड़े पेमाने पर आलू की खेती करते हैं. वहां के किसान आलू के दामों में आयी गिरावट से काफी परेशान हो गये है. आलू के साथ ही हरी सबजी के दामों में भी गिरावट आयी है. कुल मिलाकर हर तरफ से किसान परेशान हो रहे हैं.