अवैध. घरेलू सिलिंडर से होटल, नाश्ता व चाय की दुकानों का हो रहा संचालन
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प्रशासन चुप, आम लोग हफ्तों तक करते इंतजार, हो रही कालाबाजारी
अवैध. घरेलू सिलिंडर से होटल, नाश्ता व चाय की दुकानों का हो रहा संचालन यूं तो केंद्र सरकार की ओर से गैस की कालाबाजारी रोकने के िलए कारगर कदम उठाया गया था. इसके िवपरीत कटिहार के कई इलाकों में अभी भी लोग घरेलू गैस िसलिंडरों का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं. कटिहार : शहर में […]
यूं तो केंद्र सरकार की ओर से गैस की कालाबाजारी रोकने के िलए कारगर कदम उठाया गया था. इसके िवपरीत कटिहार के कई इलाकों में अभी भी लोग घरेलू गैस िसलिंडरों का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं.
कटिहार : शहर में इन दिनों प्रशासन की नाक के नीचे घरेलू रसोई गैस की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है. आमतौर पर गैस उपभोक्ता अपने सिलिंडर को लेकर काफी परेशान रहते हैं. घरेलू गैस के लिए उपभोक्ता 10 दिन पहले से ही नंबर लगाना शुरू कर देते हैं, ताकि सही समय पर उन्हें गैस सिलिंडर मिल सके. लेकिन नंबर लगने के बावजूद भी कई दिनों तक उन्हें गैस सिलिंडर उपलब्ध नहीं होता है. शहर में कई होटलों, चाय की दुकानों पर कमर्शियल गैस के जगह घरेलू गैस का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है. साथ ही घरेलू गैस सिलिंडर से छोटे पांच किलो वाले सिलिंडर में गैस की रिफलिंग शहर में धड़ल्ले से की जा रही है.
सोमवार को जब प्रभात खबर की टीम ने गैस कालाबाजारी को लेकर जायजा लिया तो शहर में कई जगहों पर इस तरह का कारोबार खुलेआम हो रहा है. कई जगहों पर गैस सिलिंडरों को बाहर लगा कर रख देते हैं. इससे ग्राहक समझ जाते हैं कि यहां गैस रिफिलिंग होती है और ग्राहक वहां जाकर जरूरत के हिसाब से गैस भरवाते हैं. खास तौर पर शहर में दूर दराज से आये लोग छोटे सिलिंडरों का उपयोग करते हैं. इन लोगों की वजह से गैस की कालाबाजारी काफी बढ़ चुकी है. सबसे ज्यादा गैस का कारोबार शहीद चौक स्थित कर्पूरी मार्केट में होता है. जबकि वहां से कुछ ही दूरी पर नगर थाना है. फिर भी यह कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है. अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन के बगल में ही ऐसा कारोबार हो रहा है. लेकिन इसे रोकने के लिए कोई कदम उठाया क्यों नहीं जा रहा है.
शहीद चौक के कर्पूरी माकेट की कई दुकानों में होता है गोरखधंधा
शहीद चौक स्थित कर्पूरी मार्केट के कई दुकानों में गैस से संबंधित सभी तरह का सामान बेचा जाता है. इन दुकानों में घरेलू गैस सिलिंडर से छोटे सिलिंडरों में रिफलिंग भी की जाती है. साथ ही घरेलू गैस की कालाबाजारी भी होती है. शहर में आम इनसानों को गैस सिलिंडर लेने में काफी दिक्कत होती है. काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. वहीं इन दुकानदारों को फोन के द्वारा ही खबर देने से गैस सिलिंडर इनकी दुकानों पर पहुंच जाते हैं. यह दुकानदार इन सिलिंडरों को सरकार द्वारा तय कीमत से 200 से 300 रुपये तक के ऊंची कीमत पर बेचते हैं. 70 से 80 रुपए किलो गैस रिफिलिंग कर बेचते हैं. घरेलू गैस सिलिंडर को रिफिलिंग करके बेचने से इन दुकानदारों को सरकार के तय कीमत से दुगना फायदा होता है. इसलिए यह दुकानदार घरेलू गैस का कारोबार करते हैं. हालांकि यह दुकानदार खुलेआम कारोबार गैस का नहीं करते हैं. प्रशासन से नजर बचाकर चुपके से यह कारोबार किया जाता है.
प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा घरेलू गैस िसलिंडरों का व्यावसाियक उपयोग
कर्पूरी मार्केट की कई दुकानों में गैस रिफिलिंग से लेकर गैस की कालाबाजारी भी की जा रही है
उपभोक्ता हो रहे परेशान
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