कटिहार : बिनोद उरांव की मंडल कारा में संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत को कैदियों ने हत्या बताते हुए उपरांत सोमवार को कैदियों ने जमकर हंगामा किया था. मंडल कारा में बंद विचाराधीन कैदियों ने दिन का खाना को त्याग कर अनशन पर बैठकर कारा प्रशासन व जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी भी की थी. कैदियों की अवाज जेल परिसर के बाहर तक आ रही थी.
डीएम ललन जी के निर्देश पर जब एसडीओ सुभाष प्रसाद व एसडीपीओ लाल बाबू यादव मंडल कारा में पहुंचे, तो कैदियों ने बिनोद की हत्या एवं कारा में कैदियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की भी शिकायत की. वहीं कैदियों ने कारा प्रशासन को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि काराधीक्षक के इशारे पर यहां सिर्फ पैसे का ही खेल होता है. मुलाकात करने आये लोगों से लेकर कैदी के घर से खाना भेजने पर मंडल कारा के गेट पर राशि की वसूली की जाती है. कारा में मिलने वाले भोजन व स्वास्थ्य में अनियमितता सहित अन्य शिकायतें जिला प्रशासन के आला अधिकारी के समक्ष कैदियों ने रखी .
कैदियों ने कहा कि मंडल कारा में सिर्फ पैसे का खेल होता है. जिसके पास रुपये हैं, तो वह किसी को भी नुकसान व यहां तक की उसकी हत्या तक करवा सकते हैं. हालांकि इन सभी बातों को नकारते हुए व जांच का विषय कहकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी ने अपना पल्ला झाड़ दिया. लेकिन इस दौरान जेल के अंदर से जो कैदियों के स्वर काराधीक्षक के विरुद्ध थे. हालांकि देर रात सभी कैदियों ने अनशन तोड़ दिया. जिस तरह पूर्व की तरह जेल में खाना पका और सभी कैदियों ने खाना खाया.
बिना पैसे दिये वार्ड में रहना मुश्किल
मंडल कारा में जाने वाले कैदी की पहचान उनकी हैसियत के आधार पर ही तय होता है. यानी जेल में कैदी जीवन उनकी हैसियत पर तय होता है. यदि कोई कैदी दबंग या फिर ऊंचे रसूख वालों के साथ संबंध नहीं है, तो बिना राशि लिये उनका जीवन जेल में नारकीय होगा. साधारण कैदियों को रुपये के लिए परेशान किया जायेगा. बात-बात पर उनकी पिटायी
और खाना खाने भी नहीं दिया जायेगा. उनसे हर प्रकार का कार्य लिया जायेगा. यह सब माजरा जेल में तैनात सुरक्षा कर्मी देख कर भी चुप रहते हैं. क्योंकि जेल अधिकारी सहित उसके कर्मियों की मिली भगत से इस प्रकार का खेल जेल में चलता है. अगर कोई कैदी धनी हैं, तो उससे पांच हजार से ऊपर व अगर कोई गरीब कैदी हैं, तो उससे एक या दो हजार रुपये की मांग की जाती है. राशि लेने उपरांत ही उसे वार्ड में सही रूप से रहने दिया जाता है.
मुलाकात करने आये लोगों से लिये जाते हैं रुपये!
सोमवार को सुबह जांच मे पहुंचे एसडीओ सुभाष नारायण, एसडीपीओ लाल बाबू यादव को मंडल कारा में बंद कैदियों ने शिकायत की थी कि मंडल कारा में आने वाले कैदियों के परिजन जब अपने कैदी से मिलने पहुंचते हैं, तो प्रति कैदी दस रुपया से लेकर बीस रुपया तक लिया जाता है. पैसे देने के बाद ही कैदियों को उनके घर का खाना नसीब होता है. इस बीच अगर कैदी को सिगरेट, पान मसाला या फिर गांजा सहित शराब की भी तलब हो तो जेल में वह भी उपलब्ध हो जाते हैं. जिसके लिए कैदी को अच्छी खासी रकम सुरक्षा कर्मी सहित अधिकारी को देनी पड़ती है. क्योंकि जेल में पूर्व में भी कई बार डीएम के निर्देश पर छापेमारी की गयी तो भारी संख्या में पान मसाला, गांजा भी बरामद हुआ है.
बिहार में शराबबंदी, जेल में चालू
सुशासन की सरकार में बिहार में शराब पर पूर्ण शराब बंदी है. शराब को लेकर उत्पाद पुलिस व जिला पुलिस जिलें में लगातार छापेमारी करती रहती है. लेकिन मंडल कारा में शराब उपलब्ध होना तथा छापेमारी के दौरान कारा परिसर के उत्तरी छोर के हिस्से से शराब बरामदगी कारा प्रशासन को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है.
जेल में मोबाइल आम
जेल में मानो मोबाइल आम हो गया है. जेल से आये दिन लोगों को फोन आते रहते हैं. कैदी अपने परिजनों से बातचीत भी करते रहते हैं. इतना ही नहीं वह फेसबुक व्हाट्सअप का भी प्रयोग करते है. बिनोद की मौत उपरांत जेल के अंदर से उसके परिजनों को कैदी ने बिनोद की हत्या की सूचना दी थी. जिसकी पुष्टि बिनोद की पत्नी ने भी की थी.
पैसे लेने की शिकायत मिलने पर सुरक्षाकर्मी के विरुद्ध होगी कार्रवाई: काराधीक्षक
काराधीक्षक सुजीत झा ने कहा कि जेल में मोबाइल को लेकर कारा में 31 दिसंबर को भी छापेमारी की गयी थी. कई मोबाइल व सीम भी बरामद किये गये है जिसे लेकर सहायक थाना में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. वहीं काराधीक्षक श्री झा ने कहा कि 31 दिसंबर को छापेमारी के क्रम में शराब भी बरामद किया गया था. जिसे लेकर स्थानीय सहायक थाना में प्राथमिकी दर्ज करवा दी गयी है. वहीं मुलाकाती से रुपये लेने की बात पर कहा पूर्व में यह चलन थी. उनके पद ग्रहण के बाद ही यह चलन बंद करा दिया गया. लेकिन कोई अगर चोरी से मुलाकाती या बंद कैदियों को खाना या पान मसाला व रुपये पहुंचा देते हैं, तो इसकी जांच की जायेगी. वहीं कैदियों से पैसे लेने के बारे में उसे किसी कैदी ने शिकायत नहीं की है. अगर कैदी शिकायत करेंगे तो निश्चित ही उक्त कैदी या फिर उसमें शामिल सुरक्षा कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल जेल में स्थिति सामान्य है. जेल में तैनात पुराने कारा कर्मी को हटाकर नये कारा कर्मी को नियुक्त किया गया है. काराधीक्षक ने कहा कि पुराने सुरक्षा कर्मी की मिली भगत से जेल की स्थिति बिगड़ी है. फिलहार पूराने तैनात सभी सुरक्षा कर्मी को हटाकर वहां नये सुरक्षा कर्मी को ड्यूटी पर लगाया गया है.