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प्रशासन के दावे के विपरीत बाढ़ पीड़ित सड़क व रेल लाइन के किनारे धूप के बीच खुले में रहने को हैं मजबूर.

रोज नये इलाके में घुस रहा पानी सूरत-ए-हाल . गंभीर बनी हुई है बाढ़ पीड़ितों की स्थिति जिले के बाढ़ पीड़ितों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. जिले के आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति में बुधवार को भी कोई सुधार नहीं हुआ. बुधवार को भी कई नये इलाके में बाढ़ का […]

रोज नये इलाके में घुस रहा पानी

सूरत-ए-हाल . गंभीर बनी हुई है बाढ़ पीड़ितों की स्थिति
जिले के बाढ़ पीड़ितों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. जिले के आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति में बुधवार को भी कोई सुधार नहीं हुआ. बुधवार को भी कई नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ से करीब बीस हजार से अधिक परिवार विस्थापित होकर नरकीय जिंदगी गुजार रहे हैं. जबकि इस बाढ़ से करीब पांच लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है.
कटिहार : विस्थापित लोगों के लिये जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार तक 52 राहत शिविर खोले गये. जबकि बुधवार को भी आधा दर्जन से अधिक राहत शिविर शुरू किया गया है. हालांकि राहत शिविरों में घोषणा के अनुरूप प्रभावित लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है. यद्यपि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद जिला प्रशासन थोड़ी हरकत में आयी है. लेकिन अब भी विस्थापित व प्रभावित परिवार को पूरी तरह से राहत शिविर का लाभ नहीं मिल पाया है. जिला आपदा नियंत्रण रूम में कई लोगों ने फोन कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हो रही कठिनाई से अवगत कराया है.
हालांकि गंगा, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में कमी तथा कोसी का जलस्तर स्थिर रहने के बावजूद बाढ़ की स्थिति लोगों को पीड़ा पहुंचा रही है. गुमटी टोला रिंग बांध टूटने के बाद स्थिति और भी भयावह बन गयी है. रिंग बांध टूटने के बाद जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ने निरीक्षण कर रिंग बांध के कट एण्ड को सुरक्षित करने के लिये कई निर्देश दिये हैं. इस बीच नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के बाद लोग अपने घर छोड़कर एनएच-31 के किनारे शरण ले रहे हैं. तेज धुप के बीच बाढ़ से विस्थापित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है.
आज भी कई परिवार गांव छोड़कर सड़क पर आ गये हैं.
पानी घुसने से अफरातफरी: कुरसेला के गुमटी टोला लिंक बांध टूटने के बाद नये इलाके में बाढ़ का पानी बुधवार को भी घुसना जारी था. बुधवार को भी समेली व कुरसेला प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों के बीच अफरा तफरी की स्थिति बनी हुयी है. गांव में पानी घुसने के बाद लोग अपने घरों को छोड़कर एनएच-31 पर शरण लेने को मजबूर हैं. तेज धुप के बीच प्रभावित लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबुर हैं. इन बाढ़ प्रभावित लोगों को जिला प्रशासन के स्तर पर किसी तरह की सुविधा नहीं दी गयी है. बाढ़ पीड़ितों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुयी है.
बरारी में तटबंध व स्पर पर पानी का अत्यधिक दबाव
प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी व स्थिर रहने के बावजूद बरारी प्रखंड के सभी स्पर व तटबंध पर पानी का अत्यधिक दबाब बना हुआ है. कभी भी तटबंध व स्पर ध्वस्त हो सकता है. तटबंध व स्पर को बचाने के लिये बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंता क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं.
इधर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार बरारी के तटबंध काश तृतीय निवृत रेखा के चैन संख्या 15 से 60 तक पानी का रिसाव हो रहा है. मनिहारी में रामायणपुर के स्लुइस गेट के कट्री साइड में मिट्टी का क्षरण होने से नये इलाके में पानी प्रवेश करने की संभावना है. वहीं इसी प्रखंड के कई क्षेत्रों में तटबंध पर दबाब बना हुआ है. सालमारी प्रमंडल अंतर्गत बहरखाल में भी तटबंध पर दबाब बरकरार है.
अधिकारियों ने लिया राहत शिविरों का जायजा
राहत कार्य का जायजा बुधवार को कृषि विभाग के प्रधान सचिव सह विशेष आयुक्त सुधीर कुमार, प्रभारी सचिव संजीव कुमार व डीएम ललन जी ने लिया. वरिष्ठ अधिकारियों ने कई राहत शिविरों में जाकर प्रभावित लोगों से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली.
डीएम ने बताया कि प्रभावित परिवारों के लिये जिला प्रशासन हर तरह की सुविधा दे रही है. जिला आपदा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित की गयी है. राहत सुविधा में किसी तरह की कठिनाई होने या बाढ़ में फंसे होने संबंधी जानकारी कंट्रोल रूम में दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रभावित प्रखंड के अंचल पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है.

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