आफत . नदियों के जलस्तर में नरमी के बावजूद स्थिति गंभीर बनी हुई
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नये इलाकों में घुसा पानी, हड़कंप
आफत . नदियों के जलस्तर में नरमी के बावजूद स्थिति गंभीर बनी हुई जिले में गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में हल्की नरमी के बावजूद आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी हुई थी. कुरसेला के पावर सब स्टेशन व बाजार में पानी घुसने […]
जिले में गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में हल्की नरमी के बावजूद आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी हुई थी. कुरसेला के पावर सब स्टेशन व बाजार में पानी घुसने से अफरातफरी की स्थिति बन गयी है.
कटिहार : खासकर गुमटी टोला रिंग बांध टूटने के बाद स्थिति और भी भयावह बनती जा रही है. इस बांध के टूटने से समेली व कुरसेला प्रखंड के कई नये इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. समेली प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ पीड़ितों के बीच रहने व खाने पीने का गंभीर संकट बनी हुआ है. नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के बाद लोग घर छोड़ कर एनएच-31 के किनारे शरण ले रहे हैं.
बाढ़ से विस्थापित हुए इन परिवारों को अब तक प्रशासनिक स्तर से किसी तरह की सुविधा नहीं मिली है. तेज धूप के बीच बाढ़ से विस्थापित परिवार खुले में रहने को विवश हैं. मंगलवार को भी कई परिवार गांव छोड़ कर सड़क पर शरण लिये. पहले से बाढ़ पीड़ितों के लिए लगाये गये राहत शिविर में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश की घोषणा के बाद भी अब तक बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत सुविधा व अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं किया जा सका.
मुख्यमंत्री के जाने के बाद मंगलवार को राहत शिविर की स्थिति बदत्तर रही. हालांकि डीएम ललन जी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया है. इस कंट्रोल रूम के जारी नंबर पर आपदा से संबंधित जानकारी व शिकायत हो सकती है. मंगलवार को गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में 12 घंटे के दौरान 01 से दो सेंटीमीटर कमी दर्ज की गयी है. नदियों के जलस्तर में कमी व स्थिर रहने के बावजूद कई तटबंधों व स्पर पर पानी का अत्यधिक दबाव बना हुआ है. महानंदा के बहरखाल स्थल के कट एंड 65 के पास फिर से बांध धंस गया है.
कुरसेला बाजार में भी घुसा पानी :
पिछले दिनों गुमटी टोला रिंग बांध टूटने के बाद नये इलाके में बाढ़ का पानी घुसना जारी है. मंगलवार को भी समेली प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. साथ ही कुरसेला पावर सब स्टेशन व कुरसेला बाजार में भी पानी प्रवेश कर गया है. इन इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के बाद लोग अपने घरों को छोड़कर एनएच-31 पर शरण लेने को मजबूर हैं. तेज धूप के बीच प्रभावित लोग खुले में रहने को मजबूर हैं. इन बाढ़ प्रभावित लोगों को जिला प्रशासन के स्तर पर किसी तरह की सुविधा नहीं दी गयी है. बाढ़ पीड़ितों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है. पिछले कई दिनों से बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों के समक्ष अब भी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
शहरी इलाके में भी घुसने लगा पानी.
तटबंध व स्पर पर भारी दबाव
नदियों के जलस्तर में मामूली कमी के बाद भी बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है. इस बीच तटबंधों व स्परों पर भारी दबाव बना हुआ है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, बरारी के तटबंध काश तृतीय निवृत रेखा के चैन संख्या 15 से 60 तक पानी का रिसाव हो रहा है. बरारी के सभी स्पर व तटबंधों पर पानी का अत्यधिक दबाव मंगलवार को भी बना रहा.
गुमटी टोला लिंक बांध कट एंड के अप व डाउन स्ट्रीम में बंबू रोल व एनसी कार्य करा कर उसे सुरक्षित करने का प्रयास बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल द्वारा किया जा रहा है. मनिहारी में रामायणपुर के स्लुइस गेट के कंट्री साइड में मिट्टी का क्षरण होने से नये इलाके में पानी प्रवेश करने की आशंका है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंता तटबंध व स्पर पर हो रहे मिट्टी के क्षरण को रोकने को लेकर कटाव निरोधक कार्य में जुटे हैं.
बाढ़ पीड़ित यहां कर सकते हैं शिकायत
डीएम ललन जी के निर्देश पर बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. बाढ़ पीड़ित व इससे जुड़े लोग मोबाइल नंबर 08996124003 व 06452-239011 पर किसी तरह की जानकारी ले सकते हैं तथा शिकायत कर सकते हैं.
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