जिले के छह प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति भयावह बन गयी है. गंगा पहले से ही हाइलेवल से ऊपर बह रही थी. अब कोसी, कारी कोसी नदी भी हाइलेवल से ऊपर पहुंच चुकी हैं. बारंडी नदी खतरे के निशान से 1.23 मीटर ऊपर बह रही है. इससे दिनों दिन बाढ़ की स्थिति भयावह बनती जा रही है. इसे देखते हुए एनडीआरएफ की दो टीमों को भी बुला लिया गया है.
कटिहार : जिले में गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से जिले के आधा दर्जन प्रखंड बाढ़ से घिर चुके हैं. गंगा, कोसी व कारी कोसी नदी हाइ लेवल से ऊपर बह रही हैं, जबकि बरंडी नदी खतरे के निशान से 1.23 मीटर ऊपर बह रही है.
गंगा काढ़ागोला में हाइ लेवल से 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. कोसी नदी कुरसेला रेलवे ब्रिज पर 2.03 मीटर ऊपर बह रही है. कारी कोसी नदी चैन संख्या 389 पर हाइ लेवल से 69 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से तटबंध व स्पर पर भी कटाव शुरू हो चुका है. गंगा व कारी कोसी नदी के तटबंध से पानी ओवरफ्लो करने की तैयारी में है. विभागीय सूत्रों के अनुसार पानी तटबंध से मात्र छह इंच नीचे है. कभी भी स्थिति भयावह बन सकती है.
स्पर व तटबंध पर कटाव शुरू
स्थानीय बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से मनिहारी के शहरी क्षेत्र में भी पानी प्रवेश कर सकता है. वहीं काढ़ागोला का स्पर संख्या दो के डाउन स्ट्रीम के सिंक भाग में 25 मीटर तक मिट्टी का क्षरण शुरू हो चुका है. स्पर संख्या तीन के डाउन स्ट्रीम नोज व सिंक पर मिट्टी का क्षरण जारी है.
इसी तरह स्पर संख्या 15 के डाउन स्ट्रीम में 15 मीटर मिट्टी का क्षरण शुरू हो चुका है. स्पर संख्या 12 के डाउन स्ट्रीम के सिंक भाग में 120 मीटर लंबाई में तेज हवा की वजह से कटाव शुरू हो गया है. चैन संख्या 15 से 60 तक तटबंध का स्लोप भाग में मिट्टी का क्षरण शुरू हो चुका है. गुमटी टोला लिंक बांध में भी मिट्टी का क्षरण शुरू हो गया है. कारी कोसी बांध के कई जगहों पर पानी का रिसाव शुरू है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के द्वारा कटाव निरोधक कार्य किये जा रहे हैं. वहीं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण अभीयंता कैंप कर रहे हैं.
भयावह बन रही बाढ़ की स्थिति
नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से जिले के आधा दर्जन प्रखंड में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. बाढ़ से करीब 15 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. सैकड़ों लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थलों की ओर जाने की तैयारी में हैं. प्रशासन द्वारा विस्थापित लोगों के लिए 33 राहत शिविर चलाये जा रहे हैं. जिला प्रशासन नाव सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है.